माँ के कदमों के नीचे जन्ऩत है...
मातृ दिवस 12 मई 2019 पर विशेष लेख अगर धरती पर कहीं जन्ऩत है तो वह माँ के कदमों के नीचे है! (1) अगर धरती पर कहीं जन्नत है तो वह माँ के कदमों के नीचे है :- एक माँ के रूप में नारी का हृदय बहुत कोमल होता है। वह सभी की खुशहाली तथा सुरक्षित जीवन की कामना करती है। माँ, यह वह शब्द है जो किसी भी व्यक्ति के जीवन में सबसे ज्यादा अहमियत रखता है। ईश्वर सभी जगह उपस्थित नहीं रह सकता इसीलिए उसने धरती पर माँ का स्वरूप विकसित किया, जो हर परेशानी और हर मुश्किल घड़ी में अपने बच्चों का साथ देती है, उन्हें दुनियाँ के हर कष्टों से बचाती है। बच्चा जब जन्म लेता है तो सबसे पहले वह माँ बोलना ही सीखता है। माँ ही उसकी सबसे पहली दोस्त बनती है, जो उसके साथ खेलती भी है और उसे सही-गलत जैसी बातों से भी अवगत करवाती है। माँ के रूप में बच्चे को निःस्वार्थ प्रेम और त्याग की प्राप्ति होती है तो वहीं माँ बनना किसी भी महिला को पूर्णता प्रदान करता है। माता बच्चे की प्रथम पाठशाला है। 'महिला' शब्द का शाब्दिक अर्थ है 'मही' (पृथ्वी) को हिला देने वाली महिला। विश्व की वर्तमान उथल-पुथल शान्ति से ओतप्रोत नारी युग के आ