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बिहार में स्थित प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को किसने किया था नष्ट?

..? खिलजी ने नहीं..!   ...नालंदा को ब्राह्मणवादियों ने किया था नष्ट? भारत इन दिनों ‘निर्मित की गई नफरतों’ की चपेट में है। इस नफरत के नतीजे में समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर दलितों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा हो रही है।   इन समुदायों के विरुद्ध नफरत भड़काने के लिए झूठ का सहारा लिया जाता है और इस झूठ को फैलाने का सबसे अच्छा तरीका होता है ऐतिहासिक घटनाओं को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करना। इस समय भारतीय इतिहास के तीनों कालों- प्राचीन, मध्य और आधुनिक को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है। जो इतिहासविद् हमारे इतिहास की तार्किक विवेचना करना चाहते हैं, उसके बहुवादी चरित्र को सामने लाना चाहते हैं, उन पर वर्चस्वशाली राजनीतिक विचारधारा के झंडाबरदार कटु हमले करते हैं और उन्हें बदनाम करने का हर संभव प्रयास करते हैं। भारत के अतीत को भारतीय राष्ट्रवादी और सांप्रदायिक राष्ट्रवादी एकदम अलग-अलग तरीकों से देखते हैं। दोनों की इतिहास की समझ और विवेचना एक दूसरे से अलग ही नहीं परस्पर विरोधाभासी भी है। कई इतिहासकारों ने सांप्रदायिक तत्वों द्वारा इतिहास के साथ छेड़छाड़ का अपनी पूरी ताकत से मुकाबला किया। उन्होंने

भारत की सत्ता पूर्णतः भारतवासी के हाथ में है?

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भारत की बढ़ती जनसंख्या व राजनीति सुनीता कुमारी भारत के साथ साथ पुरे विश्व में अगर सबसे ज्यादा चिन्ताजनक बिषय की बात की जाए तो वह हैं मानव जनसंख्या वृद्धि। जो आज विश्व  की सबसे बड़ी समस्या हैं। जल, वायु,भूमि एवं प्रकृतिक संसाधन सीमित हैं एवं सीमित मात्रा में उपयोग किये जा सकते हैं परंतु, अनियंत्रित बढ़ती जनसंख्या इस सीमित संसाधन के ऊपर अतिरिक्त बोझ डाले हुए हैं। जिसके परिणाम स्वरूप कई और गंभीर समस्या हमारे सामने खड़ी हैं।  पृथ्वी का बढ़ता तापमान, हवा में कार्बनडायआक्साइड की बढंती मात्रा, समुद्र का बढता जलस्तर, इसके  अलावा प्रदूषण भी एक बड़ी समस्या का रूप ले चुकी हैं। वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, ध्वनी प्रदूषण, जल प्रदुषण सभी अपनी चरम सीमा पर पहुचनेवाले है। साथ ही बढती प्राकृतिक आपदाए भी पृथ्वी पर जीव के अस्तित्व  को खतरे में डाल रही हैं।इन सभी समस्याओं के जड़ में कुछ समान हैं तो वह हैं, जनसंख्या वृद्धि। अगर इसी तरह विश्व की आबादी बढती रही तो मनुष्य को अपने लिए अन्य ग्रह तलाश करनी पड़ेगी।  भारत को आजाद हुए 74 वर्ष बीत चुके हैं,  भारत की सत्ता पूर्णतः भारतवासी के हाथ में है। सत्ताधारी पार्

दलित प्रकोष्ठ कमेटी नगर के कांग्रेसियों का प्रदर्शन

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संजय मौर्य  कानपुर ।  दलित प्रकोष्ठ कांग्रेस कमेटी  नगर  के जिला महासचिव राजा पासवान व यूथ कांग्रेस नगर ग्रामीण के जिला अध्यक्ष  सूरज शर्मा  की अगुवाई में एवं जिला अध्यक्ष सुनील बाल्मीकि के नेतृत्व मे दिल्ली कैंट से 9 वर्षीय दलित बालिका की शमशान पर बलात्कार कर हत्या कर दी गई जिसके विरूद्ध मे कैंडल मार्च निकाला और केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से मांग करते हैं कि हत्यारों को फासी की  सजा हो अगर फांसी की सजा ना हुई तो दलित समाज पूरे देश पर विशाल आंदोलन करने का कार्य करेगा ।  पूरे देश पर प्रदेश पर कांग्रेस पार्टी के पदाधिकरी आंदोलन करेंगे ।  कैंडल मार्च में प्रमुख रूप से वरिष्ठ कांग्रेसी युवा नेता लकी कुशवाहा पूर्व विधायक भूदर नारायण मिश्रा पूर्व विधायक नेक चंद पांडे वरिष्ठ नेता दिनेश दीक्षित, नरेश त्रिपाठी, राजू द्विवेदी, रवि सिंह, सौरभ श्रीवास्तव,  हनुमान पाल,  नरेंद्र चंचल कुशवाहा, सूरज शर्मा, पुष्पराज सिंह, मोनू शर्मा,  सुशील यादव (शीलू) सौरव यादव, डिंपल रूपेंद्र कुशवाहा सभी सम्मानित  युवा  नेता गण मौजूद रहे ।

निराश्रित सेवा संस्थान ने बैठक कर किया पौधरोपण

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  रवि मौर्य  अयोध्या। निराश्रित सेवा संस्थान पदाधिकारियों ने सिविल लाइंस स्थित मां काली आश्रम में बैठक कर परिसर में किया पौधरोपण। अज्ञात निराश्रित, निःसहाय जीव- जंतुओं की सेवा एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए किये जा रहे कार्यों को लेकर  संस्थान के सदस्य एवं पदाधिकारी की एक आवश्यक बैठक मां काली आश्रम में की गई। बैठक की अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष रवि मौर्य ने तथा संचालन सचिव मोहम्मद उस्मान ने किया। बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया एवं सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सड़क के किनारे खाली स्थानों पर शासन-प्रशासन की मदद लेकर पौधरोपण किया जाय।  बैठक के उपरांत उपाध्यक्ष अजय मौर्य के सहयोग से संस्थान परिसर में इक्कावन फल फूल एवं औषधीय पौधों को सदस्यों व पदाधिकारियों द्वारा रोपित किया गया। इस मौके पर मुकेश चन्द्र मौर्य, मोहम्मद शरीफ, ज्ञानेंद्र वाजपेई, सुभाष चन्द्र मौर्य, अरविंद यादव, अमित तिवारी, अजय, संजय मौर्य, रमेश, शिवकुमार मौर्य, अखिलेश वर्मा, समेत दर्जनों लोग उपस्थित रहे।

होमगार्ड के पैर छू कर लिया आशीर्वाद

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मेरठ। उत्तरप्रदेश पुलिस आये दिन सुर्ख़ियों में रहती है हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ऐसा मामला वायरल हो रहा है। जिसको जानकर सभी लोग मेरठ पुलिस की काफी सराहना कर रहे हैं।दरअसल कई सालों से मेरठ जिले में ही तैनात एक होमगार्ड का शनिवार को रिटायरमेंट था। जिसके चलते उनके थाना प्रभारी ने उनके लिए एक विदाई समारोह का आयोजन किया था। इस दौरान थाना प्रभारी समेत सभी पुलिस कर्मियों ने होमगार्ड के पैर छू कर आशीर्वाद लिया। पुलिसकर्मियों ने दी विदाई।  जानकारी के मुताबिक मेरठ जिले में कंकरखेड़ा थाने में उस समय सभी पुलिसकर्मी अचंभित हो गए। जब इंस्पेक्टर तपेश्वर सागर ने सेवानिवृत्त होमगार्ड जवान के पैर छुए और भावभीनी विदाई दी। सरधना के खेड़ा निवासी रिछपाल सिंह होमगार्ड विभाग में वर्ष 1981 में भर्ती हुए थे तभी से वह मेरठ के विभिन्न थानों में तैनात रहे काफी समय से रिछपाल सिंह होमगार्ड विभाग में वर्ष 1981 में भर्ती हुए थे। तभी से वह मेरठ के विभिन्न थानों में तैनात रहे काफी समय से रिछपाल कंकरखेड़ा थाने में तैनात थे।

आध्यात्मिक संतुष्टि का प्रभु प्रार्थना ही एकमात्र स्रोत है!

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  हमारे प्रत्येक कार्य ही प्रतिदिन प्रभु की सुन्दर प्रार्थना बने -डा0 जगदीश गाँधी,  लखनऊ (1) आध्यात्मिक संतुष्टि का प्रभु प्रार्थना ही एकमात्र स्रोत है:- यह मानव जीवन हमें एकमात्र अपनी आत्मा के विकास के लिए मिला है। जब हम संसार से निराश हो जाते हैं, तब हम अपनी आत्मा के पिता परमपिता परमात्मा की ओर पूरी तरह से मुड़ जाते हैं और यही वह क्षण होता है जब कि हमें कहीं-न-कहीं से जीवन में आगे बढ़ने के लिए उचित मार्गदर्शन मिल जाता है। प्रार्थना अध्यात्म का ‘प्राण’ और ‘सार’ है और कोई भी व्यक्ति प्रार्थना के बिना उद्देश्यपूर्ण ढंग से जी ही नहीं सकता। इसलिए प्रार्थना मनुष्य के जीवन का मर्म होनी चाहिए। प्रार्थना जैसे अध्यात्म का सबसे मार्मिक अंग है, वैसे ही मानव-जीवन का भी है। प्रार्थना मनुष्य को फौलाद की तरह मजबूत बना देती है। वास्तव में पूजा या प्रार्थना वाणी से नहीं बल्कि हृदय से करने की चीज है। सच्चे हृदय से की हुई प्रार्थना चमत्कार कर सकती है। जीवन में आत्मिक सुख प्रार्थना से मिलता है। प्रार्थना आत्मा के विकास के लिए आवश्यक है।  (2) प्रार्थना हृदय को पवित्र बनाने की प्रक्रिया है:-   परमात्मा आ

महारानी अहिल्याबाई सच्ची राष्ट्रवादी

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  ... समस्या हैं तो समाधान भी हमारे ही पास है के सिद्धांत पर हल भी निकाल लिया .. निवेदिता मुकुल सक्सेना भारत का इतिहास कई सत्ताधारी महान नारियो से जाना जाता रहा है। जिन्होने अपने बल, बुद्धि और समर्पण भाव, सरल- सहज, दुरदृष्टि, जरूरतमंदो की सेवा और सद आचरण से जनता की  सुख व समृद्धि को अपनी पूजा समझते हुये एक सच्ची मानव सेवा को चरितार्थ किया। इन्ही में मालवा प्रान्त ही नही अपितु भारत के प्रबुद्ध शासक वर्गो मे  महारानी अहिल्याबाई की भी अग्रणी भुमिका रही। मालवा क्षेत्र की शासक महान सत्ताधारी नारी जिन्हे जनता भी देवी कहकर अभिवादन किया करती थी आज उनका जन्मदिन अवश्य है लेकिन वर्तमान राजनिति को देखते हुये  उनका ध्यान अपने आप ही आ जाता हैं।  "महारानी अहिल्याबाई" होल्कर होल्कर वंश की बहू एक कुशल शासक के रुप मे जानी जाती रही हैं जिनका जन्म भी एक साधारण परिवार मे छोटे से गाँव चोंड़ि अहमदनगर महाराष्ट्र में हुआ। अहिल्यादेवी का बहुत  कम उम्र मे  विवाह मल्हार राव होल्कर के पुत्र खाण्डेकर राव होल्कर से हुआ।  एक आदर्श भारतीय नारी की तरह महारनी अहिल्या ने अपनी पारिवरिक दायित्वो के साथ अपनी सत्ता

पत्थर फेकने वाले का कोई सुराग नही

गृह स्वामी ने पुलिस से लगाई न्याय की गुहार शिवचरन बिंद मीरजापुर। जिले के थाना कोतवाली देहात के करनपुर चौकी क्षेत्र स्थित सादीबनकट गाँव में रियाजुदिन, सहाजहा बेगम, मोईनुदिन ने पड़ोसियों पर आरोप लगाते हुये एक शिकायती पत्र चौकी प्रभारी करनपुर लव कुमार सिंह को दिया है।  शिकायती पत्र बताया है कि हमारे मकान पर दो महीनो से पत्थर फेका जा रहा है जिससे हमारा पूरा परिवार परेशान हो गया है। पत्र में अनुरोध किया गया है कि प्रशासन इसका पता लगाकर इन शरारती तत्व को रोक लगाने के साथ ही उचित कार्रवाही कर उनको जेल भेजकर परिवार को इस समस्या से निजात दिलाए रियाजुदिन व उनके परिजनों ने मीडिया को बताया की हमारे घर मे लगभग दो महीने से पत्थर फेका जा रहा है। जिसका पता लगाने के लिये हम सीसीटीवी कैमर भी लगवा दिया। लेकिन पत्थर फेकने वाले का कोई सुराग नही मिला।  अंजान लोगों के पत्थर फेके जाने से परेशान पत्थर रात दिन कभी भी घर के आंगन मे आ जाता है, जिसके वजह से कई बार लोगो को हल्की चोटे भी आ चुकी है, टिन सेट मे कई छेद भी हो गया है। जिसको आप खुद वीडियो मे देख सकते है। आगे घर स्वामी ने बताया की अगर करनपुर पुलिस हमारी सम

विश्व शांति का घोषणा पत्र -बुद्ध की शिक्षाएँ

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धम्म का वास्तविक उद्देश्य मानवता का विकास करना तिविध पावन पर्व बुद्ध पूर्णिमा (वैसाख दिवस) 26 मई 2021 के संदर्भ में शाक्य वैभव मौर्य  सर्वप्रथम आप सभी को विश्व के अद्वितीय प्रकाश पुंज, प्रखर ज्ञान गुरु, अग्रणी अर्थशास्त्री, न्यास व्यवस्था ( ट्रस्टीशिप)  के जनक , व्यक्तित्व विकास के सोपानों के अनन्त भण्डार, समस्त मानव को नैतिकता, लोककल्याण के पथ पर प्रेरित करने वाले, करुणा के महासागर, महामानव विश्वगुरु शाक्यमुनि  भगवान तथागत गौतम बुद्ध के तिविध पावन पर्व (जन्म, ज्ञान प्राप्ति, महापरिनिर्वाण) के अवसर पर अनन्त मंगलकामनाएँ। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ई.पू.  में शाक्य गणराज्य के लुंमिनी वन में गणराज्य के महाराज शुद्धोधन शाक्य व महारानी महामाया शाक्य के पुत्र के रूप में वैसाख पूर्णिमा के दिन हुआ। 35 वर्ष की अवस्था में 528 ई. पू. में सिद्धार्थ  ने उरुवेला (बोधगया) में इसी वैसाख पूर्णिमा के दिन बुद्धत्व की प्राप्ति की और 80 वर्ष की अवस्था में 483 ई.पू. में कुशीनगर में महापरिनिर्वाण प्राप्त किया। तथागत के जीवन की तीन प्रमुख घटनाएं एक ही दिन होने के कारण इसे तिविध पावन पर्व कहा जाता है। पंचशील के स

खुद को जिन्दा रखने के लिए अपने रोजगार बदल दिये

प्रवासियों के सामने पेट पालने की खड़ी हो गई है परेशानी सुजाता मौर्य  अम्बेडकरनगर. कोरोना कर्फ्यू के कारण प्रवासियों के सामने पेट पालने की परेशानी खड़ी हो गयी है। महानगरों में रोजगार बन्द होने से बड़ी संख्या में कामगार वहां से पलायन कर अपने घरों को लौट चुके हैं जिस के बाद लोगों ने इस महामारी के दौर में खुद को जिन्दा रखने के लिए अपने रोजगार बदल दिये हैं। हुनरमन्द हाथों ने भी फल और सब्जी बेचना शुरू कर दिया है। महानगर समेत ग्रामीण अंचल में रहने वाले मजदूर तबका लोग मजदूरी करके अपना व अपने परिवार का पालन पोषण करते हुए दो जून की रोटी का जुगाड़ किसी प्रकार कर लेते थे लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते काम बंद हो जाने के कारण जहां बड़ी संख्या में एक बार फिर प्रवासियों की वापसी हो चुकी है तो मजदूरी करने वालों के सामने खाने का संकट खड़ा हो गया है, जिसके कारण अधिकतर लोगों ने अपने परिवार का पेट पालने के लिए रोजगार बदल लिये हैं।  रोज खाने कमाने वाले लोग इस संकट की घड़ी में कोई भी काम करने को तैयार हैं और कइयों ने नया काम शुरू भी कर दिया है।  भियांव निवासी शब्बू सिद्दीकी मुंबई में रहकर एक प्राइवेट कम्पनी में जीन्

रोक के बावजूद चीनी उपकरण के टेंडर

बिना आदेश के चाइना चाइना-उपकरणों-की-खरीद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बावजूद कि किसी भी चीनी चिकित्सीय उपकरण की खरीद फरोख्त नहीं होगी इसके बावजूद कानपुर मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ आर बी कमल ने चिकित्सा प्रतिष्ठानों से मिलकर और पर्दे के पीछे से खेल करके परचेज कमेटी ने इसमें आधा दर्जन से अधिक लोग शामिल हैं इन लोगों ने अधिकतम मूल पर चीनी उपकरण खरीदने के टेंडर नवंबर दिसंबर माह में डलवा दिए और महंगी कीमत दर निर्धारित करते हुए शासन की आंख में धूल झोंक ते हुए प्रस्ताव महानिदेशक के माध्यम से प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा के पास भेज दिया शासन द्वारा चीनी उपकरण खरीदने की सहमति प्रदान कर दी गई परंतु इसी बीच शासन को शिकायत मिली कानपुर मेडिकल कॉलेज की परचेज कमेटी ने गलत ढंग से चीनी उपकरण उचित दरों पर खरीदने का प्रस्ताव पारित कर शासन की आंख में धूल झोंका है इस पर तत्काल रोक लगाई जाए इस पर तेजतर्रार वाले प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने तत्काल मेडिकल कॉलेज कानपुर के प्रचार को कड़ा पत्र लिखकर कहा कि उन्हें बताया जाए की कितनी चीनी उपकरण चिकित्सा द्वारा खरीदे गए हैं जबकि शासन

अप्रैल एवं मई में हाेने वाली अधिकांश शादियां स्थगित

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  ..लग्न पर कोरोना की काली नजर? प्रमुख संवाददाता  गोरखपुर। अगले सप्ताह से शुरू हो रहे लग्न पर कोरोना की काली नजर लग गई है। अप्रैल और मई में पांच हजार से ज्यादा शादियां प्रस्तािवित हैं और ज्यादातर लोगों ने शादी की तैयारियां पूरी कर ली हैं, लेकिन बढ़ते संक्रमण के बीच एक बार फिर धूमधाम से शादी की उम्मीद लगाए लोगों के सपने को बड़ा झटका लगा है।  कोरोना वायरस को लेकर परेशान सरकार ने एक बार फिर सख्त नियम लागू किए हैं जिसके चलते पहले से तय हो चुकी शादियां या तो स्थगित हो रही हैं, या फिर मेहमानों की संख्या में कटौती करनी पड़ रही है। खासकर रविवार के दिन पड़ने वाली शादियों को स्थगित किया जा रहा है। अप्रैल-मई शादियों का सीजन होता है।  शुभ मुहूर्त के चलते इस महीने बड़ी संख्या में लोग शादी के बंधन में बंधते हैं, लेकिन कोरोना की वजह से लागू किए गए नए नियमों के चलते लोगों को अपने प्लान में बदलाव करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ, शादियों से अपना रोजगार चलाने वाले साउंड सिस्टम, बैंडबाजा और कैटरिंग सहित कई अन्य लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।  कोरोना के प्रभाव से फोटो-वीडियो के साथ ही ट्रैवल्स

सर्वलोक हित से बढ़कर कोई दूसरा कार्य नही -सम्राट अशोक

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सम्राट अशोक महान की 2326वीं जयंती चैत्र द्वितीय पक्ष अष्टमी दिनाँक 20 अप्रैल 2021 शाक्य सम्वत 2583 के संदर्भ में शाक्य वैभव मौर्य नास्ति ही कमतरं सर्वलोक हितप्पा अर्थात 'सभी लोगो के हित से बढ़कर कोई दूसरा कार्य नही ' का अद्वितीय विचार देने वाले, लोककल्याणकारी शासक सम्राट अशोक महान केवल भारत ही नही अपितु सम्पूर्ण विश्व के पहले शासक हैं जिन्होंने जनता की मनोवृत्ति में नैतिकता का विचार समाहित करके धम्म नीति से शासन किया।  भारत के प्रथम ऐतिहासिक राजवंश मौर्यवंश संस्थापक राष्ट्रनायक सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के पौत्र एवं महाराज बिन्दुसार मौर्य व महारानी शुभद्रांगी मौर्य के पुत्र के रूप में  304 ई.पू. में चैत्र द्वितीय पक्ष अष्टमी को अशोक का जन्म हुआ।  एक राजकुमार के रूप में अशोक ने अपनी बेहतर रणनीति , कुशल सैन्य एवं प्रशासनिक क्षमता के साथ अवन्ति व तक्षशिला के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। 273 ई.पू. में सम्राट बिन्दुसार की मृत्यु के बाद अशोक शासक बने जबकि इन्होंने अपना औपचारिक राज्याभिषेक 269 ई.पू. में कराया।  चकराता, उत्तराखंड से प्राप्त अशोक के 13वें शिलालेख के अनुसार राज्याभिषेक

संघर्ष जीवन का सबसे बड़ा वरदान! --डाॅ. जगदीश गाँधी

बिना संघर्ष के सफलता कभी नहीं मिलती -डाॅ. जगदीश गाँधी जब तक जीवन है, तब तक संघर्ष है। प्रत्येक दिन कोई न कोई चुनौती, कोई न कोई संघर्ष जीवन में  आते ही रहते हैं तो फिर इनसे घबराना कैसा? दुनियाँ में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है, जिसके जीवन में  चुनौतियां, संघर्ष, दुःख, कठिनाई और रूकावटे न आयी हांे। कोई परीक्षा में पास होने के लिए संघर्ष  कर रहा है, तो कोई परीक्षा पास करने के बाद आगे जीवन में आनेे वाली कठिनाइयों एवं चुनौतियों से  पार पाने के लिए संघर्ष कर रहा है। लेकिन जिंदगी में एक बात जरूर याद रखनी चाहिए कि बिना  संघर्ष के किसी को सफलता कभी नहीं मिलती। संघर्ष इंसान को मजबूत बनाता है:- परिवर्तन से डरना और संघर्ष से कतराना, मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता है। संघर्ष इंसान को मजबूत  बनाता है, फिर चाहे वो कितना भी कमजोर क्यों न हो। वास्तव में संघर्ष और जीवन एक दूसरे के  पर्याय हैं। भगवान श्रीराम राजा के पुत्र थे, लेकिन उन्होंने चैदह साल वनवास में संघर्षपूर्ण जीवन  व्यतीत किया और आज हम उन्हें मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम के नाम से जानते हैं। यह उनके जीवन का  संघर्ष ही था जिसने उन्हें पुरूषोत्तम बना दि

बस्तर में औरत कितनी ताकतवर है?

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बस्तर की लड़कियों की हिम्मत और ताक़त को सकारात्मक बनाने की ठानी  - धर्मपाल सैनी पंकज चतुर्वेदी  बीजापुर में रिहा किये गए जवान को सकुशल वापिस लाने के पीछे जो शख्स हैं, वह है 92 साल के युवा और बस्तर के ताऊ जी धर्मपाल सैनी। उन्हें बस्तर का गांधी कहा जाता है। वे कोई 45 साल पहले अपनी युवावस्था में बस्तर की लड़कियों से जुड़ी एक खबर पढ़ कर इतने विचलित हुए कि यहां आए और यहीं के हो गए। अपने गुरु विनोबा भावे से डोनेशन के रूप में 5 रुपए लेकर वे 1976 में बस्तर पहुंचे। वह युवा पिछले 40 सालों से बस्तर में है।  पद्मश्री धरमपाल सैनी अब तक देश के लिए 2000 से ज्यादा एथलीट्स तैयार कर चुके हैं।  EK खबर सैनीजी के मन में घर कर गई मूलतः मध्यप्रदेश के धार जिले के रहने वाले धरमपाल सैनी विनोबा भावे के शिष्य रहे हैं। 60 के दशक में सैनी ने एक अखबार में बस्तर की लड़कियों से जुड़ी एक खबर पढ़ी थी। खबर के अनुसार दशहरा के आयोजन से लौटते वक्त कुछ लड़कियों के साथ कुछ लड़के छेड़छाड़ कर रहे थे। लड़कियों ने उन लड़कों के हाथ-पैर काट कर उनकी हत्या कर दी थी। यह खबर उनके मन में घर कर गई। उन्होंने बस्तर की लड़कियों की हिम्मत और ताक़त को सकारात