पत्रकार का उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा -चाँद फरीदी
- पत्रकारिता समाज में पारदर्शिता को बढ़ावा देता है..
- प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है..
- यह पारदर्शिता को बढ़ावा देता है!..
राहुल दत्त
लखनऊ : सविधान दिवस पर "आल इंडियन रीपोर्टर्स एसोसिएशन" उत्तर प्रदेश इकाई द्वारासविधान दिवस पर पत्रकार हित मे आर पार की लड़ाई लड़ने का आह्वान किया हैं!
पत्रकार चाँद फरीदी प्रदेश अध्यक्ष 'आल इंडियन रीपोर्टर्स एसोसिएशन' (आईरा) उत्तर प्रदेश ने कहा कि सविधान दिवस पर हम उन पत्रकारों का सम्मान करते हैं, जिन्होंने सच्चाई को सामने लाने के लिए अपनी जान की बाजी तक लगा दी! प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है यह पारदर्शिता को बढ़ावा देता है!
उत्तर प्रदेश के पत्रकारों में जो एकता भावना है वो किसी भी राज्य में पत्रकारों के भीतर नहीं है बिना संगठन मे रहने वाले पत्रकारो की भी सेवा उत्तर प्रदेश के पत्रकार करते है! सभी के सुख-दुख में हमेशा खड़े रहते हैं!
उन्होंने कहा कि पत्रकार हितों की रक्षा के लिए सभी पत्रकार एवं संगठन एक जुट होकर कार्य करे, पत्रकार सुरक्षा कानून व अन्य पत्रकार हित के सवालों पर सभी पत्रकार संगठनों को एक मंच पर आकर आवाज बुलंद करने की आवयश्कता है! पत्रकार काफी ताकतवर होते हैं! ताकत का सही सही सदुपयोग पत्रकार हित में करने की आवश्यकता है!
श्री फरीदी ने उत्तर प्रदेश "आईरा" के नामित पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि ये संगठन पत्रकारों के मुद्दों को प्राथमिकता से उठायेगा! पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है, जिससे प्रत्येक व्यक्ति की आकांक्षा रहती है कि वह निष्पक्ष समाचार देकर देश और समाज को दिशा प्रदान करेगा!
पत्रकार चाँद फरीदी ने कहा कि "आल इंडियन रीपोर्टर्स एसोसिएशन" (आईरा) उत्तर प्रदेश के पत्रकारों के सम्मान व सुरक्षा और उन्हें शक्ति संपन्न बनाने के लिए संकल्पशील है! उन्होंने कहा कि कोई भी पत्रकार हो उसकी सुरक्षा के लिए "आईरा" सदैव उनके साथ है और किसी भी पत्रकार का उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा!
प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाना अब अतिआवश्यक हो गया है! जब देश का चौथा स्तम्भ सुरक्षित होगा, तभी वह स्वतंत्र रूप से समाज को सही आइना व सही दिखा पायेगा!