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जनवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अवैध वसूली का आरोप नर्सों पर

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  स्टाफ नर्सों पर  सीएचसी माल में  सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का यह कहावत माल में तैनात 2 स्टाफ नर्सों पर पूरी तरह लागू होती है.. जिनकी सेवाएं समाप्त करने का सीडीओ ने दिया था आदेश उनको उसी सीएचसी में कर दिया तैनात..                       अब दोबारा अवैध वसूली का आरोप..             लेखराम मौर्य  लखनऊ। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय लखनऊ में बैठे अधिकारी कितने भ्रष्ट हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिन संविदा स्टाफ नर्सों को सीएचसी माल में अवैध वसूली के आरोप में करीब 2 साल 10 महीने पहले आरोप सही जा पाए जाने पर तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी मनीष बंसल ने उनकी सेवाएं समाप्त करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ को पत्र भेजा था उन स्टाफ नर्सों की सेवाएं समाप्त करने के बजाए उनका स्थानांतरण इटौंजा और मलिहाबाद कर दिया गया।  2 साल बीतने के बाद जुलाई 2021 में विकासिनी नाम की एक स्टाफ नर्स ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से सांठगांठ होने के बाद एक पत्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र माल में तैनाती के लिए दिया जिसमें उसने अपने बुजुर्ग ससुर की देखभाल और बच्चे की समय से परवरिश न कर पाने के

देश के लोगों के सुरक्षा के प्रति सुंदर शब्द पुलिस

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सुंदर शब्द  पुलिस  के लिये  हिम्मत चाहियें? स्नेहा (उर्फ शोभना) दुधरेजीया  पोरबंदर गुजरात पुलिस की नौकरी सब को पसंद है। वर्दी का खाखी रंग और  मिट्टी का खाखी रंग दोनों एक ही है। खाखी रंग की वर्दी कर्तव्य जिम्मेदारी, संघर्ष का परिचायक है।  जब पुलिस कि नौकरी मिलती है, तब सबको बहुत खुशी होती है। एक जुनून होता है, एक जोश होता है, देश की सेवा और देश के लोगों के सुरक्षा के प्रति।  जीवन जबतक है, कुछ ना कुछ  परेशानी आती  ही रहती है। छोटे-मोटे पड़ाव जीवन में आते जाते रहते है। परंतु कभी  कभी कुछ बड़ा कुछ ऐसा जीवन में हो जाता है जिसे जीवन भर भुलाया नही जा सकता,एवं जीवन भर  चुभता रहता है, दर्द देता रहता है।  कभी कभी लोग अवसाद तक के शिकार हो जाते है , आत्मविश्वास टुट जाता है, और वो आत्महत्या की बात सोच लेते है, मनोबल कमजोर हो जाता है। एक घाव जो समय के साथ भर तो जाता है मगर वो इंसान अंदर से टुट जाता है। इस परिस्थिति से निकलकर यदि कोई पुलिस की नौकरी करता है तो वह दुनियां जीत लेता है। आप को पता है जब कोई खाखी पहनता है  तो उनकी जो भावनाएं होती है खाखी से लगाव जो होता है, उसके लिए, अन्य भावनाओं को अन्य क

ऐसी नौकरी तथा व्यवसाय करना चाहिए जो आध्यात्मिक संतुष्टि दे.?

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अपनी आत्मा का विकास करना ही हमारे जीवन का परम उद्देश्य! डॉ. जगदीश गाँधी एक झोली में फूल भरे हैं एक झोली में कॉटे! कोई कारण होगा?:- विश्व में वही परिवार, समाज तथा राष्ट्र उन्नति करता है, जिनके नागरिक कड़ी मेहनत तथा ईमानदारी से निरन्तर अपनी नौकरी या व्यवसाय करते हुए अपनी आत्मा का विकास करते हैं। इसके विपरीत जिन देशों के नागरिक ऐसा नहीं करते वो कही न कहीं अपने जीवन के परम उद्देश्य को ना तो समझ पाते हैं और न ही अपने परिवार, समाज और राष्ट्र की उन्नति में अपना योगदान दे पाते हैं। एक गीत की पंक्तियाँ हैं - एक झोली में फूल भरे हैं एक झोली में कॉटे! कोई कारण होगा? अर्थात् एक झोली में सफलता तथा एक झोली में असफलता भरी है, इसके पीछे के कारण को हमें जानते हुए अपनी झोली को फूल से भरने के लिए गंभीर प्रयास करना होगा।  ऐसी नौकरी तथा व्यवसाय करना चाहिए जो आध्यात्मिक संतुष्टि दे:- हमारा मानना है कि नौकरी या व्यवसाय ही आत्मा के विकास का एकमात्र उपाय है। कुछ लोग अपने कार्य-व्यवसाय से इसलिए छुट्टी नहीं लेते हैं क्यांेकि वह अपने कार्य-व्यवसाय को परिवार तथा समाज की सेवा का  माध्यम मानते हैं। वे मानते हैं कि सा

बंटवारा होगा ना दोबारा..

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विश्व गुरु कहलाता था!  नालंदा और तक्षशिला से जग में.. विजय सिंह भारत स्वर्ग हुआ करता था! अफगानिस्तान से बर्मा तक, भारत भूमि अखंड थी! यहाँ की गाथा विश्व पटल पर, विजय, सुशोभित और प्रचंड थी!!                अखंड भारत का एक है नारा,                बंटवारा होगा ना दोबारा!                राष्ट्र बटा था सन सैंतालीस में,                नरसंहार हुआ बहुतेरा!! वीभत्स कृत्य था वो बंटवारा, जो हुआ धर्म के नाम पर! प्रताड़ितों को शरण मिली थी, भारत भूमि महान पर!!                जब भी प्रबल हुआ अँधियारा,                सूरज के किरणों से हारा!                कहीं सृजन तो कहीं प्रलय है,                सृष्टि नियंत्रण भेद है सारा!! नैतिक मूल्यों के पथ पर, भारत आगे बढ़ता है! मानवता के रक्षण हेतु, आतंकवाद से लड़ता है!!                आतंकवाद की मारी दुनिया,                कब तक प्राण बचाए!                 कब तक मानव बेबस होकर,                दुष्टों से टकराए !! विश्व शक्ति बन उभर रहा है, विश्व गुरु कहलाता था! नालंदा और तक्षशिला से जग में, ज्ञान चेतना फैलाता था!!                भारत का स्वर्ग हुआ करता था,