धसने लगी परसौना-निगाही फोरलेन
डीएमएफ फण्ड से 39 करोड़ की लागत से छ: महीने पहले एमपीआरडीसी के द्वारा कराया गया था सड़क का निर्माण कार्य
पारसनाथ प्रजापति
सिंगरौली। एमपीआरडीसी ने छ: महीने पूर्व जिला मुख्यालय बैढऩ में ऐसी सड़क का निर्माण कार्य कराया जहां एक बरसात के सीजन को भी 39 करोड़ की सड़क हैवी वाहनों को नहीं झेल पायी और सड़क कई जगह धस गयी है। नवभारत ने 17 अगस्त को प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर एमपीआरडीसी के अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया था। आनन-फानन में अब गड्ढों में पैच मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि परसौना तिराहा से लेकर निगाही मोड़ तक हाल ही के कुछ महीने पूर्व फोर लेन सड़क का निर्माण कार्य 39 करोड़ रूपये की लागत से क्रियान्वयन एजेंसी एमपीआरडीसी द्वारा संविदाकार शिवशक्ति कान्स्ट्रक्शन कंपनी से कराया। एक ओर जहां निर्धारित समय सीमा में फोर लेन 10 किमी दूरी के सड़क को बनाने में तकरीबन 3 साल के अधिक समय तक ठेकेदार ने लगा दिया। निर्धारित समय सीमा में फोर लेन सड़क का निर्माण कार्य जहां पूर्ण नहीं हो पाया। वहीं दूसरी ओर सड़क के निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाये जाने लगे। आलम यह है कि 10 किमी दूरी की सड़क में जगह-जगह खाईनुमा जानलेवा गड्ढे बन गये। एमपीआरडीसी के अधिकारियों की अचानक नींद खुली और विभाग एवं ठेकेदार कि नाकामी को छुपाने के लिए डामर की सड़क में सड़क के गड्ढों में सीमेंट डालकर पैच लगाने का कार्य शुरू कर दिया है।
सड़क कब तक टिकेगी इसको लेकर लोगों द्वारा तरह-तरह की चर्चाएं शुरू कर दी गयी हैं। आरोप है कि नौगढ़ पेट्रोलपम्प के आस-पास सड़क ऐसी धस गयी है कि यहां सड़क दुर्घटना की पूरी संभावना दिख रही है। शहर वासियों के द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि एमपीआरडीसी के अधिकारी कमीशनखोरी के चलते डीएमएफ की राशि में बाट लगाया है।
संविदाकार को ब्लैक लिस्ट कराने की उठने लगी मांग
डीएमएफ फण्ड से परसौना से लेकर निगाही मोड़ तक 42 करोड़ रूपये की मंजूरी दी गयी थी। सड़क की दूरी करीब 10 किमी है। संविदाकार ने निर्धारित समय सीमा में सड़क का कार्य पूर्ण नहीं किया। वहीं गुणवत्ताविहीन सड़क बनाये जाने के कारण कई जगह कार्य पूर्ण होने के करीब-करीब छ: महीने के अंदर ही सड़क के निर्माण कार्य की पोल खुलने लगी है।
गुणवत्ताविहीन सड़क निर्माण कार्य को लेकर कांग्रेसियों ने भी भाजपा सरकार को घेरा है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश सचिव अमित द्विवेदी ने आरोप लगाया है कि उक्त सड़क कमीशनखोरी की भेंट चढ़ गयी। जिस वक्त निर्माण कार्य आरंभ था तभी से ही गुणवत्ता को लेकर जिम्मेदार क्रियान्वयन एजेंसी अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया था। संविदाकार की मार्जिन मनी भले ही जमा हो और सड़क गारंटी अवधि में हो ऐसे संविदाकार को ब्लेक लिस्टेड कर अधिकारियों के विरूद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाय।
डामर सड़क में सीमेंट, रेता से पैच लगाने का काम शुरू
39 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित फोर लेन सड़क छ: महीने में ही धसकने लगे। तथा जगह-जगह खाईनुमा गड्ढे बन जायें इस पर सवाल उठना लाजिमी है। आनन-फानन में गड्ढों में सीमेंट, रेता, गिट्टी भरकर पैच लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। अब सवाल उठ रहा है कि जब साल-छ: महीने ही सड़क धसकने लगी है तो यह कितने दिन टिकेगी इस पर अब कुछ कह पाना मुश्किल लग रहा है।