आशिक मिजाज दारोगा हुआ बर्खास्त
छेडख़ानी की पुष्टि होने पर दारोगा को 10 जुलाई को किया गया बर्खास्त
बस्ती रेंज के आइजी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। दारोगा को 22 मार्च को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। वह 18 जून से जमानत पर रिहा होकर 20 जून से बहराइच में तैनात है।
वाहन चेकिंग के दौरान युवती से लिया था मोबाइल नंबर
जानकारी के मुताबिक संक्रमण काल के दौरान मार्च 2020 में बस्ती जनपद के कोतवाली थाना के सोनूपार चौकी के प्रभारी दीपक कुमार सिंह ने वाहन चेकिंग के दौरान रिश्तेदार के साथ बाइक से जा रही युवती को रोककर मोबाइल नंबर लिया और उसे अश्लील मैसेज भेजने लगा। युवती के विरोध करने पर उसने मुकदमे में फंसाने की धमकी दी।
युवती के स्वजन पर आठ मुकदमे किया दर्ज
इसी बीच गांव में 13 जून को चकरोड की पैमाइश के दौरान विवाद हो गया, जिसमें एक पक्षकार युवती के स्वजन थे। बताते हैं कि दारोगा को बंधक बनाए जाने का आरोप लगाते हुए पुलिस ने युवती के परिवार वालों पर आठ मुकदमे दर्ज कर दिए। युवती ने एसपी हेमराज मीणा से शिकायत की तो जांच में दोषी पाए जाने पर भी दारोगा का सिर्फ तबादला हुआ। इस पर युवती ने 18 मार्च को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर शिकायत की।
युवती की तहरीर पर दारोगा समेत 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज हुआ और दारोगा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जमानत पर छूटने के बाद दारोगा को बहराइच स्थानांतरित किया गया था। आइजी अनिल कुमार राय ने बताया कि छेडख़ानी की पुष्टि होने पर दारोगा को 10 जुलाई को बर्खास्त कर दिया गया।
सीएम के निर्देश पर हुई जांच, सीओ और कोतवाल निलंबित
मुख्यमंत्री के निर्देश पर एडीजी अखिल कुमार और मंडलायुक्त अनिल कुमार सागर ने गांव पहुंचकर जांच की थी। दोषी मिलने पर दारोगा के अलावा तत्कालीन सीओ सिटी गिरीश कुमार सिंह, तत्कालीन कोतवाल रामपाल यादव को भी निलंबित कर दिया गया।