पत्रकारों पर हो रहे हमलो और फ़र्ज़ी मुकदमो को लेकर पत्रकार संगठनों में रोष

पत्रकार पर फर्जी मुकदमे को लेकर की बैठक में आर पार की लड़ाई का संकल्प 
संतोष कुमार 

मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश में लालगंज क्षेत्र के बरकछ गांव की घटना बताया जा रहा बिना जांच किए लालगंज थाना के थाना प्रभारी ने पत्रकार भूप नारायण मौर्य व उनके दो भाई  एक भतीजा के ऊपर मुकदमा दर्ज कर लिया गया जोकि फर्जी व सोची समझी साजिश थी पूरा मामला यह है कि संतोष कुमार राष्ट्र की बात चैनल से है। 28 दिसंबर 2020 को गौशाला चला रहे काशीनाथ पूर्व प्रधान उस गौशाला में हजारों पशु एकत्रित करके रखा गया था सैकड़ों पशु पहले भी भुख और ठंड के कारण  मर चुके थे 28 दिसंबर को 14 पशु मरे थे मरे हुए पशुओं का खबर कवरेज करते समय पत्रकारों को काशी नाथ पूर्व प्रधान व उनके लडके लालेश्वर मिलकर मार पीट हुई।  

संतोष कुमार के द्वारा  काशीनाथ व उनके लड़के लालेश्वर के ऊपर मुकदमा 323,  352,  504,  506,  sc-st पंजीकृत करा दिया गया जिसमें भूप नारायण और रमेश कुमार गवाहदार बने उसी मुकदमे  को लेकर काशी नात  साजिश रची और 4 जनवरी 2021 को एक महिला सुमन देवी पत्नी पन्नालाल द्वारा भूप नारायण के ऊपर छेड़खानी का आरोप लगवाए। 

पूर्वाधिकारी द्वारा जांच करने पर सुमन का एप्लीकेशन झूठ सावित हुई वही बात लेकर काशीनाथ बौखला उठा और उसी महिला से पुनः 8 जून 2021 को भूप नारायण के घर जाकर गाली दे रही थी उसी समय उसके पति पन्नालाल ने आकर सुमन देवी को शांत कराने लगा पत्नी शांत नहीं हुई तो पन्नालाल ने गुस्से में आकर सुमन देवी को  मारा पीटा और भूप नारायण मौर्या व उनके दो भाई एक भतीजा के ऊपर साजिश भरा उल्टा मुकदमा पंजीकृत कराया गया 323, 504, 506, sc st, जो कि भूप नारायण व उनके घर के कोई पुरुष नहीं थे। 

ऐसे दोषी अधिकारियों की चल अचल संपत्ति की जांच करा कर कानूनी कार्रवाई करने के लिए पत्रकार संगठन द्वारा किया जाएगा..

संजय गोस्वामी

आगरा इस प्रकार प्रदेश में आए दिन हो रहे हो पत्रकारों पर हमले को लेकर पत्रकार संगठनों में काफी रोष व्याप्त है पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे और हमले को लेकर जनरलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एक मीटिंग का आयोजन किया जिसमें कहा गया कि जहां प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ और पुलिस के आला अधिकारियों ने भी फरमान जारी किया कि पत्रकारों के साथ विनम्रता से पेश आएं और उनका सम्मान करें आला अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के आदेश के बावजूद भी पुलिस महकमे के कुछ अधिकारी आदेशों को दरकिनार कर पत्रकारों पर ही लगा रहे हैं मुकदमे ऐसा ही एक वाक्य आगरा के थाना लोहामंडी क्षेत्र का है जहां पत्रकार संजय सागर पर भी कार्रवाई कर पाबंद किया गया जिससे कि पत्रकार को भी अपनी जमानत करानी पड़ी ऐसे ही कहीं पुलिस और अधिकारियों के कारनामे उजागर हुए हैं जिससे लगता है कि प्रदेश में अब मुख्यमंत्री और अधिकारियों की बातों को अनसुनी कर पुलिसिया राज लागू हो गया है। 

थाने पर बैठे कुछ अधिकारी शासन और प्रशासन के आदेशों को हवा में उड़ाते और अपनी जेब भरते नजर आ रहे हैं पहले भी कई संगठनों ने पुलिस की कार्रवाई को लेकर ज्ञापन दिया और अधिकारियों से मुलाकात की अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए और उन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया गया लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि प्रदेश के कई पत्रकार संगठनों में आपसी तालमेल मिलाकर ऐसे अधिकारियों पर शिकंजा कसने की ठान ली है और जल्द ही इस पर वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर पत्रकारों एक टीम गठित की जाएगी और ऐसे अधिकारियों की चल अचल संपत्ति की जांच करा कर कानूनी कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया जाएगा। 


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

..आपने मुन्ना को देखा है?

यूपी सरकार में दवा व्यवसाई भी सुरक्षित नहीं?

हलिया व लालगंज में गरीब, असहाय जरूरतमन्दों को किया गया निशुल्क कम्बल का वितरण