रोक के बावजूद चीनी उपकरण के टेंडर
बिना आदेश के चाइना चाइना-उपकरणों-की-खरीद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बावजूद कि किसी भी चीनी चिकित्सीय उपकरण की खरीद फरोख्त नहीं होगी इसके बावजूद कानपुर मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ आर बी कमल ने चिकित्सा प्रतिष्ठानों से मिलकर और पर्दे के पीछे से खेल करके परचेज कमेटी ने इसमें आधा दर्जन से अधिक लोग शामिल हैं इन लोगों ने अधिकतम मूल पर चीनी उपकरण खरीदने के टेंडर नवंबर दिसंबर माह में डलवा दिए और महंगी कीमत दर निर्धारित करते हुए शासन की आंख में धूल झोंक ते हुए प्रस्ताव महानिदेशक के माध्यम से प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा के पास भेज दिया शासन द्वारा चीनी उपकरण खरीदने की सहमति प्रदान कर दी गई परंतु इसी बीच शासन को शिकायत मिली कानपुर मेडिकल कॉलेज की परचेज कमेटी ने गलत ढंग से चीनी उपकरण उचित दरों पर खरीदने का प्रस्ताव पारित कर शासन की आंख में धूल झोंका है इस पर तत्काल रोक लगाई जाए इस पर तेजतर्रार वाले प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने तत्काल मेडिकल कॉलेज कानपुर के प्रचार को कड़ा पत्र लिखकर कहा कि उन्हें बताया जाए की कितनी चीनी उपकरण चिकित्सा द्वारा खरीदे गए हैं जबकि शासन द्वारा इस पर प्रतिबंध था आपने किस अधिकार क्षेत्र के तहत यह कृत्य किया है क्योंकि इसमें लंबा खेल हुआ था और बंदरबांट परचेज कमेटी द्वारा किया गया इसीलिए मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाई गई और प्रमुख सचिव द्वारा पूछे गए स्पष्टीकरण का जवाब आजतक परचेज कमेटी अंबेडकर कॉलेज के प्राचार्य नहीं दे पा रहे हैं और वह मामले को लंबित करके दबाने की फिराक में है परंतु शासन इस प्रकरण पर पहुंच पूरी तरह से गंभीर हो चुका है और परचेज कमेटी में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का मन बना चुका है क्योंकि इससे सीधे साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री के रोक के बावजूद चीनी उपकरण के टेंडर किस आधार पर डलवाए गए मुख्यमंत्री का खौफ कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य परचेज कमेटी वायलेट की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ ज्योति सक्सेना को नहीं है.
मुख्यमंत्री के आदेशों को सीधे ठेंगा दिखाते हुए चीनी उपकरणों की खरीद फरोख्त करने का कुचक्र रचा और शासन की आंख में धूल झोंक कर महंगे दर्पण चीनू करण खरीदने का प्रस्ताव भेजा मुख्यमंत्री महोदय इस प्रकरण की जांच अपने कार्यालय से कराएं प्रमुख सचिव तत्काल इस मामले को संज्ञान में लेकर कार्यवाही करें कि अब तक जवाब क्यों नहीं दे पा रहे हैं इस तरह के भ्रष्टाचारी अधिकारी कैसे कानपुर मेडिकल कॉलेज में जमा हुए हैं जिन पर सीधे भ्रष्टाचार साबित हो चुका है इन्हें बैठा रहा है इस बात की जांच हो माननीय मुख्यमंत्री महोदय प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री गोयल साहब मुख्य सचिव आरके तिवारी अपर प्रमुख सचिव गृह अवस्थी जी महामहिम राज्यपाल महोदय प्रमुख सचिव राजपाल महोदय आप सभी को मेल पर और व्हाट्सएप पर यह समाचार भेजा जा रहा है.
पत्रकार होने के नाते मैं लगातार मेडिकल कॉलेज की बुराइयों को उजागर करता चला रहा हूं जिसके चलते मेरे परिवार को मौत को मुंह में धकेलने का प्रयास मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आर बी कमल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ ज्योति सक्सेना द्वारा किया गया और मेरी पुत्र वधू का रातों-रात तबादला अस्पताल नियम कर दिया गया यहां पर एक लंबा चौड़ा भ्रष्टाचारियों का गैंग है उनके खिलाफ आवाज उठाता है उनके परिवार का कोई सदस्य कर्मचारी होता है तो उसे दबाने के लिए उसका उत्पीड़न जबरदस्त तरीके से करते हैं.
इन सभी बिंदुओं की जांच हो प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा महोदय अब तक आपको आपके स्पष्टीकरण का जवाब क्यों नहीं मिला इस बात का इनसे जवाब सवाल किया जाए और तत्कालीन को निलंबित करते हुए इनके खिलाफ चीनी उपकरण खरीदने गलत ढंग से शासन के आदेशों की अवहेलना करने प्रदेश कमेटी द्वारा आयोजित करने वाले सभी सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा कायम हो और इन्हें का तबादला करने के बाद जांच की जाए.