दो दिवसीय संगोष्ठी का हुआ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा पर आधारित आयोजन

संजय मौर्य 

कानपुर।  कृषक महिला सशक्तीकरण के अन्तर्गत खाद्य एवं पोषण सुरक्षा व ग्राम्य समृद्वि दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारम्भ चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रांगण में मुख्य अतिथि प्रदेश की राज्यपाल, आनन्दीबेन पटेल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। गोष्ठी में बड़ी संख्या में उपस्थित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं एवं महिला किसानों को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि भारत में कृषि क्षेत्र का सबसे बड़ा क्षेत्र है और इस क्षेत्र में महिलाओं एवं पुरुषों के सहयोग से अधिक कार्य हो रहा है। 

कृषि के साथ-साथ पशु पालन कार्य भी किया जाता है। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं से कहा कि वह अपनी बेटे-बेटियों को पढ़ाने का संकल्प लें, उन्होंने बेटियों को आवश्यक रुप से शिक्षित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुये कहा कि बेटियां शिक्षित होगी, तो आवश्यकता पड़ने पर वह स्वयं किसी रोजगार व कार्य करके आत्मनिर्भर होकर अपना जीवन यापन कर सकती है, उन्हें किसी दूसरे के ऊपर निर्भर नहीं रहना पडेगा। उन्होंने कहा कि बेटियों को कुपोषण से मुक्त करना है। उन्होंने कहा कि महिलायें को शारीरिक रुप से सशक्त होना चाहिये। उन्होंने कहा कि बेटा-बेटी में कोई भेद-भाव नही करें और समान रुप से उनके शिक्षा व पालन पोषण का संकल्प लें। महिलायें अपनी शक्ति को पहचानें और उसका सही दिशा में सदुपयोग करें। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 में स्वयं सहायता समूह प्रभावी ढंग से कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार ने गर्भवती महिलाओ की स्वास्थ्य सुविधा हेतु चिकित्सालयों में उनके स्वास्थ्य परीक्षण एवं प्रसव आदि की व्यवस्था की है इसके लिये महिलाओं को जागरुक होकर लाभ लेने की आवश्यकता है। 

सरकार गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य की जांच कराने के लिये 5 हजार रुपये व्यय कर रही है। उन्होंने कहा कि कुपोषण व टीवी जैसी गम्भीर बीमारियों से लोगों को मुक्त कराना है। उन्होंने नवजात शिशुओं को माताओं द्वारा स्तनपान कराये जाने पर जोर देते हुये कहा कि यह उनके जीवन रक्षक के रुप में काम करता है। उन्होंने नवजात बच्चों की एक से डेढ वर्ष तक बच्चों की अच्छी तरह से देखभाल करने का आवाहन किया जिससे कि बच्चे निरोगी रहें। उन्होंने कहा कि सभी महिलायें संकल्प लें कि वह कभी अपने बेटे के शादियों में दहेज की मंाग नही करेंगी, जिससे कि दहेज जैसी कुप्रथा को समाप्त किया जा सके। 

इस अवसर पर उन्होंने स्वयं सहायता समूह की  राधादेवी सहित 10 महिलाओं को सिलाई मशीन आदि वितरण किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय द्वारा तैयार रोड मैप का विमोचन भी किया गया। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा आयोजित विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मंत्री कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान,  सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि उ0प्र0 सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण के लिये अनेकों कार्यक्रम संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सामाजिक व आर्थिक रुप से सशक्त बनाने का अभियान चलाये जा रहे है। उन्होंने भारी संख्या में दूर-दराज से आयीं महिलाओं एवं महिला किसानों का आवाहन किया कि आप जब शिक्षित होती हैं तो पूरा परिवार शिक्षित होता है। सरकार महिलाओं को और अधिक सशक्त बनाने के लिये मिशन शक्ति के माध्यम से भी उन्हें और अधिक मजबूत कर रही है। 

मिशन शक्ति का उद्देश्य बेेटी-बेटियों को सशक्त और सामथ्र्यवान बनाना है। सरकार बेटी-बचाओ बेटी-पढ़ाओ, भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान एवं विभिन्न योजनायें चलाकर उन्हें जागरुक कर रही है व विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित भी कर रही है। राज्य मंत्री, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, लाखन सिंह राजपूत ने कहा कि महिला किसानों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सरकार निरन्तर प्र्रत्यनशील है। उन्होंने कहा कि आज 13 जिलों से 1500 महिलाये प्रतिभाग कर रही है। 

महिला किसानों की खेती बाड़ी से अब आय दोगुनी हो रही

महिला किसानों की खेती बाड़ी से अब आय दोगुनी हो रही है। 05 लाख 80 हजार बेटियों को कन्या सुमगंला योजना, 36 लाख 16 हजार से मातृत्व बंदना योजना से लाभान्वित किया गया है। कार्यक्रम में कृषि उद्यमिता से जुड़ी महिलाओं ने अपनी सफलता की कहानियां भी प्रस्तुत की। कार्यक्रम में कृषि व्यवसाय के छात्र-छात्राओं द्वारा नाट्य के माध्यम से नारी सशक्तीकरण कार्यक्रम का मंचन किया गया। इस अवसर पर राज्य मंत्री, उच्च शिक्षा, नीलिमा कटियार, राज्य मंत्री, तकनीकि शिक्षा, संदीप सिंह, विधायक सुरेन्द्र मैथानी, कुलपति डा0 डी0आर0सिंह, प्रसार निदेशक, ध्रूम सिंह सहित जनप्रतिनिधिगण, कृषि वैज्ञानिक एवं स्वयं सहायता समूह की महिलायें तथा अन्य अधिकारी एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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