महिलाओं के ऊपर हो रहे अत्याचार के खिलाफ एक मुहीम
उन्नाव। सामाजिक संस्था नवयुग जन चेतना द्वारा विगत माह से चलाई गई मुहिम दहेज प्रथा का अंत कब के अंतर्गत हम गांव गांव जाएंगे दहेज प्रथा भगाएंगे के तहत आज विकासखंड सिकंदरपुर करण की ग्राम पंचायत मसवासी के मजरा दुर्गन खेड़ा में एक परिचर्चा गोष्ठी का आयोजन दुर्गन खेड़ा के सुरेश आशीष और विजय के नेतृत्व में किया गया।
उपस्थित ग्रामीणों को दहेज प्रथा का अंत कब की मुहिम के बारे में संस्था अध्यक्ष पुत्तन लाल पाल ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि कन्या पक्ष से हम सभी को दान स्वरूप जो भी मिले उसे स्वीकार करना चाहिए। यदि वर पक्ष हम से सौदागर के शादी करते हैं तो वह दहेज की श्रेणी में आता है।
श्री पाल के संबोधन से उपस्थित जनमानस इतना मंत्रमुग्ध हुआ कि सभी लोगों ने एक स्वर में दहेज न लेकर के बिना दहेज की शादी करने के लिए हामी भरी। जिनमें से मंच पर आकर सुरेश पिंकी रावत मोहित रजत सुजीत नितिन सुमित ने आकर के घोषणा की कि मैं अपनी शादी में दहेज न लेकर के दान स्वरूप जो भी मिलेगा उसे स्वीकार करूंगा।
परिचर्चा गोष्ठी के बाद ग्रामीणों के द्वारा एक दहेज विरोधी जन जागरूकता रैली भी गांव में निकाली गई जिसमें सैकड़ों स्त्री-पुरुष बालक बालिकाएं शामिल हुए। रैली में शामिल लोग दहेज विरोधी नारे लगाकर गांव में दहेज के विरुद्ध एक संदेश देने का काम किया।
इस अवसर पर जहां संस्था के कार्यकर्ता नसीर अनिल कुमार रमेश पाल पुष्पा वर्मा रविंद्र कुमार शिवबरन सिंह रामनरेश वर्मा मुकेश मनोज मगन कुलदीप उमाशंकर निर्मला आदि उपस्थित रहे वही गांव के सुमन देवी विजयपाल सूरज महेश रानी देवी सुमित अजय आंगनवाड़ी नीतू वर्मा उनकी सहायिका सहित सैकड़ों ग्रामीण इस कार्यक्रम के हिस्सा बने।