कोरोना के चौथे चरण में छह दिवसीय डोर-टू-डोर सर्वे शुरू किया

..ढूंढे जायेंगे सर्दी, जुकाम, खांसी और सांस के मरीज?

वशिष्ठ मौर्य 


देवरिया। जिला प्रशासन के निर्देश पर कोरोना के संभावित मरीजों का पता लगाने के लिए चौथे चरण में छह दिवसीय डोर-टू-डोर सर्वे शुरू किया जायेगा है। सर्वे कार्य के लिए आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहित इस बार नगर पालिका और नगर पंचायत के सुपरवाइजर भी लगाए गए हैं। सीएमओ ने बताया कि चौथे चरण का सर्वे मंगलवार से प्रारंभ होगा जो 30 नवम्बर तक चलेगा।



अन्य प्रदेशों में दोबारा बीमारी बढ़ने के कारण सर्वे कराया जा रहा है। इस दौरान सर्वे टीम घर-घर जाकर सर्दी, जुकाम, खांसी और सांस लेने में तकलीफ वाले मरीजों को चिन्हित करेंगी। 9 निकायों के 161 वार्डों में डोर-टू-डोर सर्वे किया जायेगा। उन्होंने लोगों से अपील की है कि जिन्हें सर्दी, जुकाम, खांसी अथवा सांस लेने में तकलीफ है वह सर्वे टीम को अवगत कराएं। सर्वे सर्विलांस टीम की निगरानी में किया जायेगा। संभावित मरीजों की पहचान कर उनकी सूची विभाग को दी जाएगी ताकि उनके नमूने लिए जा सकें। यही नहीं, कोरोना के संभावित मरीजों के पड़ोसियों का मोबाइल नंबर भी टीम को जुटाना है।


प्रत्येक दिन सुबह आठ से दोपहर तीन बजे तक सर्वे होगा। चार बजे तक प्रभारी चिकित्साधिकारी को रिपोर्ट दी जाएगी। सर्वे के दौरान मिलने वाले कोरोना पॉजिटीव लोगों की कोविड अस्पताल या होम आइसोलेशन के माध्यम से ईलाज किया जायेगा। 60 वर्ष से अधिक, गर्भवती महिला, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे, उच्च रक्तचाप, डायबिटिज से ग्रसित व्यक्ति, कैंसर अथवा किडनी रोग वाले, टी.बी. रोगी, सिकल सेल तथा एड्स के मरीजों की पहले जांच कराई जायेगी। जरा सी लापरवाही कर सकती है बीमार सीएमओ का कहना है कि अगर किसी का शरीर कमजोर है तो लापरवाही काफी महंगी भी साबित हो सकती है।


आजकल सर्दी, जुकाम से लेकर बुखार तक की समस्याएं सामने आ रही हैं। खासकर छोटे बच्चों और महिलाएं जिन्हें एनीमिया की समस्या है। इस बदलते मौसम में दमे के रोगियों की समस्या बढ़ जाती है। यह एक एलर्जिक बीमारी है, जिसमें सांस फूल जाती है और सांस का मार्ग सिकुड़ जाता है। इससे सांस की तकलीफ बढ़ जाती है। ऐसे में वायु प्रदूषण, धूल, सिगरेट का धुआं आदि नुक़सानदेह साबित होते हैं। इसलिए जिन चीजों से एलर्जी हो, उनसे दूर रहें।



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