सिर्फ आश्वासन से चल रहा काम
उन्नाव। डीएम ऑफिस से चंद कदमो की दूरी पर छोटे छोटे बच्चे सहित एक परिवार के कुछ लोग धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे लोगों के हाथों में कुछ कागज के टुकड़े थे और आंखों में विवशता और लाचारी के आँशू। कुछ ही देर में जिले का प्रशासनिक अमला सक्रीय हो उठा और धरनास्थल पर पहुंच गया। अफसरों ने धरने पे बैठे लोगों से बात की तो उन्होंने कहा कि सरकार हमें ब्राह्मण होने की सजा दी जा रही।
बिना किसी सबूत के पुलिस ने हमारे घर के पांच लोगों को जेल भेज दिया। जबकि इससे पहले भी पुलिस द्वारा 5 लोगो को जेल भेज चुकी है। इस तरह पुलिस ने एकतरफा कार्यवाही करते हुए 10 बेगुनाह लोगो को सलाखों के पीछे भेज दिया। धरने पे बैठे लोगों की मांग है कि दोनों परिवार और जेल भेजे गए लोगो का नार्को टेस्ट कराया जाए। एडिशनल एसपी ने ज्ञापन लेकर शासन को भेजकर टेस्ट करवाए जाने की मांग की है। पीड़ित परिवार का कहना यदि मेरे दर्द पर सरकार ने ध्यान नही दिया तो विधान सभा के आगे सभी लोग आत्मदाह कर लेंगे। पूरा मामला उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र के भाटनखेड़ा गांव का है।
जहां पिछले साल नवम्बर महीने में इसी गांव में एक युवती की जलकर मौत हो गई थी। जिसमे पीड़ित परिवार ने गांव के कुछ लोगो पर सामूहिक दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाकर मार डालने का आरोप लगाया गया है। पूरे मामले ने तूल पकड़ा तो प्रियंका गांधी भी मौके पर पहुंच गई और सरकार से कार्यवाही की मांग की।
पुलिस ने पांच आरोपियों को जेल भेज दिया था। इसके बाद रेप पीड़िता के घर से 2 अक्टूबर को 6 साल का मासूम बच्चा रहस्यमय हालातो में लापता हो गया। एसपी ने पुरे मामले में 14 टीमो का गठन किया और बच्चे को सकुशल बरामद के लिए एक लाख का इनाम भी घोषित कर दिया गया लेकिन बच्चे का कहीं कोई पता नही चला। जिसके लगभग दो सप्ताह बाद पुलिस ने बिना बच्चे को बरामद किए हिरासत में लिए गए पांचो आरोपियों को जेल भेज दिया। जिसके बाद जेल भेजे गए आरोपियों के परिवार के लोगो मे नाराजगी बढ़ी है। आरोप लगाते हुए आरोपियों के परिवार के लोगो ने कहा कि पीड़ित परिवार पीड़ित नही है। साजिशन मामले को तूल देकर 10-10 बेगुनाह लोगो को जेल भेज दिया गया। जबकि आरोपियों का परिवार लगातार सीबीआई और नार्को टेस्ट की मांग कर रहा है। डीएम को सम्बोधित ज्ञापन एडिशनल एसपी विनोद कुमार ने लेकर कार्यवाही का आश्वासन दिया है।