अब पूरी ताकत के साथ समाधान हेतु एकजुट होकर सफल बनाएगा निकाय कर्मचारी महासंघ का धरना प्रदर्शन
लखनऊ। इन्डियन पब्लिक सर्विस इम्पलाइज फेडरेशन आल इंडिया के आवाहन पर पूरे देश में कर्मचारी समाज की बहुत सी लम्बित समस्याओं के समाधान हेतु धरना-प्रदर्शन कर सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया गया। इसी आन्दोलन के क्रम में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश निगम कर्मचारी महासंघ ,कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा उत्तर प्रदेश के सभी घटक संगठनों ने बहुत ही बडे स्तर पर धरना प्रदर्शन कर कर्मचारी समाज की पीडा व उनकी समस्याओं के समाधान हेतु एकजुट होकर धरना प्रदर्शन किया गया।
उ.प्र.स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के नेतृत्व प्रदेश की सभी निकायों की इकाइयों मे भी अपने अपने कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर महासंघ द्वारा पूर्व प्रेषित 30 सूत्रीय मांग पत्र की पूर्ति हेतु ज्ञापन प्रेषित किया गया। महासंघ पिछ्ले कई वर्षों से निकाय कर्मचारियों की मूल भूत समस्याओं के समाधान हेतु आन्दोलन रत होकर धरना प्रदर्शन आदि के माध्यम से प्रदेश सरकार व शासन का ध्यानाकर्षण कराया जा चुका है। परन्तु खेद है कि नगर विकास विभाग व निदेशक स्थानीय निकाय स्तर पर एक भी समस्या का समाधान नहीं किया जा सका। हद तो यह है कि प्रदेश सरकार व मुख्य सचिव महोदय के बहुत सारे आदेश है कि सम्बंधित विभाग कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक करके समस्याओं का समाधान करें, परन्तु नगर विकास विभाग द्वारा फरवरी 2019 के बाद महासंघ के प्रतिनिधियों के साथ कोई बैठक करके लम्बित समस्याओं का समाधान नहीं किया गया। बैठक के सहमति के किसी मांग, बिन्दु पर आज तक कोई कार्यवाही न हो सकीं।
अभी तक एक भी समस्या का समाधान नहीं किया निकाय कर्मचारियों का..
आज प्रदेश के निकायों के कर्मचारियों का कैडर पुनर्गठन ,वेतन विसंगति, पद नाम,लिपिक,राजस्व,मार्ग प्रकाश विभाग के सभी पद, दैनिक वेतन, संविदा, धारा 108, एवजदार, चालक आदि सम्वर्ग की समस्याएं यथा वत लम्बित पडी है। वहीं सैकडों पद खाली, भर्ती हो नहीं रही, आउटसोर्सिग कर्मचारियों का समायोजन हो नहीं रहा। वेतन,भत्ते, पेंशन आदि समय से नहीं दिया जा रहा ।
आजादी के 74वर्ष के बाद एक भी कैडर का पुनर्गठन, उच्चीकरण नहीं किया गया है। सेवा आदेश आज भी अंग्रेजों के जमाने का नगर निगमों, नगरपालिका, नगर पंचायत व जल संस्थानों पर लागू। इन सभी का सेवा आदेश एक न बन सका। क्या क्या बताऊँ, सब गोल माल है, कहने को स्मार्ट सिटी, हाई-टेक, आन लाईन सारी सेवाएं की जा रही, पर धरातल पर कर्मचारी वहीं घुट घुट कर मरने को मजबूर। वाह री सरकार, वाह रे शासन। इन्हीं सब समस्याओं के समाधान हेतु अब इस कोरोना काल में पुनः जान जोखिम में डाल कर आन्दोलन करने को मजबूर है।
अब उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के आवाहन पर पूरे प्रदेश का कर्मचारी जिसने इस कोविड 19 मे अपनी जान माल की हानि करके इस महामारी से कोरोना योद्धा के रूप में काम करके आम जन मानस को तथा शहर,गाँव आदि को स्वच्छ, सुन्दर, निरोग रखने में अहम भूमिका का निर्वहन किया, फिर भी सरकार व शासन के कानों में जून नहीं रेंग रहा, अब मजबूरन आर पार की लडाई हेतु तैयार है। आज के इस सांकेतिक धरना प्रदर्शन के बाद अब अनवरत् रूप से आन्दोलन करेगा, जब तक सभी समस्याओं पर मिल,बैठ कर समाधान नहीं किया जाता।
अतः प्रदेश सरकार व शासन से बहुत ही विनम्र आग्रह है कि निकाय कर्मचारियों की समस्याओं पर यथाशीघ्र बैठक बुला कर लम्बित सभी मांगो का निस्तारण किया जाय। अन्यथा महासंघ प्रदेश व्यापी घोषित आन्दोलन को पूरी ताकत के साथ सफल बनाएगा। जिसमें धरना प्रदर्शन, भूख हड़ताल, कार्यबहिष्कार कार्यबन्दी भी शामिल है।