प्रदेश सरकार कर रही है 50 के पार सरकारी कर्मचारियो की स्कूटनिंग का मामला

अब कोई संगठन प्रदेश मे कर्मचारियों के हक की लडाई लडने वाला दिख नहीं रहा -शशि कुमार मिश्रा

मनोज मौर्य 


लखनऊ। प्रदेश के स्थानीय निकाय कर्मचारी साथियों,मित्रों, वर्तमान समय मे सोशल मीडिया, तमाम आदेशों ,विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से आप सभी अवगत हो रहे होगे कि फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार 50 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद कर्मचारियों की सेवाओं का स्कूटनिंग कमेटियां बना कर आप की निष्ठा, ईमानदारी, कार्यों के प्रति कार्यपद्धति आदि की जांच की जा रही, वहीं 6 माह मे विभिन्न विभागों मे वर्तमान रिक्त पदों पर नयी नियुक्ति की भी घोषणा की गयीं है,यह तो समय ही बताएगा कि रिक्तियों पर कितना अमल होगा। साथ ही विभिन्न संम्वर्गो की वेतन विसंगतियों, दैनिक वेतन, संविदा तथा वर्षों वर्षों से आऊटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों का विनियतीकरण,वर्ष 2001 तक कार्यरत कर्मचारियों का स्थायीकरण,निकायों के संवर्गों का पुनर्गठन,अनेकों भत्तों को रोका जाना तथा सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट व उसके अवशेष भुगतान,पुरानी पेंशन का अता पता नहीं, नयी का भी यहीं हाल है व न ही समय वेतन,पेशंन आदि बहुत से मामले यथावत आज भी लम्बित है। महासंघ सबसे पहले हमारी ईकाइयों मे कार्यरत कर्मचारियों का समायोजन करें, उसके बाद शेष रिक्त पदों पर भर्ती करें स्वागत होगा वरना आन्दोलन होगा। 


रिक्त पदों पर भर्ती करें स्वागत होगा वरना आन्दोलन होगा...


समस्याओं पर महासंघ मा.प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री जी, नगर विकास मंत्री सहित प्रदेश के सभी विभागीय व मुख्यसचिव महोदय जी से एक नहीं सैकडों पत्रो, धरना, प्रदर्शन आदि के द्वारा ध्यानाकर्षण करा चुका पर दुखद है कि फरवरी 2019 से आज तक इन सभी विषयों पर कोई न वार्ता न बैठक ही हुई। आखिर सरकार/शासन किस कार्यप्रणाली पर कार्य कर रही क्या हम कर्मचारियों व उसके परिवार की ताकत का अहसास नहीं हो रहा।


वहीं रोज नए नए आदेश कर्मचारी विरोधी जारी कर रही कि प्रत्येक कर्मचारी ठीक 9.30 बजे तक कार्यालय आ जाय, जाने का समय निश्चित नहीं, वरना उसके खिलाफ वहीं सब स्कूटनिंग का हौवा दिखाया जा रहा है। इन सब परिस्थितियों के साथ साथ आज इस कोरोना काल के गाल मे आज हमारे सैकड़ों सफाई कर्मचारी सहित अन्य संवर्गो के कर्मचारी अपनी जान गवां चुके, उनके परिवार को न अभी तक 50 लाख बीमा ही दिया गया और न ही कोई सुविधा, इन स्थिति मे आज हम सभी अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे है।


आज प्रदेश विभिन्न कार्यालयों मे कोई विशेष सुविधा इस कोरोना के बचाव हेतु ही है और न ही व्यवस्था। इन सभी परिस्थितियों मे हमें कैसे अपनी नौकरी बचानी है और परिवार का पालन पोषण कैसे हो सके इस हेतु बहुत ही सतर्क रह कर अपने दायित्वों का निर्वहन करना है और संगठन को मजबूत कर हर स्तर पर आन्दोलन हेतु तैयारी करनी ही होगी क्योंकि सरकार को ऐसे नहीं समझ आएगी, वहीं 2022 के आम चुनाव हेतु तथा वर्तमान हो रहे उपचुनाव मे भी हम सभी को तैयार रहना होगा। इस मामले पर महासंघ पूरे प्रदेश मे निकाय कर्मचारियों के साथ किए जा रहे कर्मचारी विरोधी कृत्यों व हमारी समस्याओं के समाधान न किए जाने पर आम जनमानस को बताने का काम करेगा।



वर्तमान मे ज्यादातर कर्मचारी संगठनों द्वारा विरोध व्यक्त किया जा रहा है बस इन्तजार है थोडा कोरोना की महामारी के धमने का। इस लिए मित्रों, प्रिय साथियों आप सभी प्रदेश के समस्त कर्मचारी बन्धुओं विभिन्न संगठन के साथी, नगर निगमों, नगरपालिकाओं, नगर पंचायतो व जल कल जलसंस्थानो के साथी आइए महासंघ के साथ खडे हो समर्थन करें क्योंकि अब अपने हको के पाने हेतु जंग लडनी ही पडेगी, आप सभी जानते ही है कि अब कोई संगठन प्रदेश मे कर्मचारियों के हक की लडाई लडने वाला दिख नहीं रहा। इसलिए महासंघ बहुत जल्द आप सभी के साथ बैठक आदि करके प्रदेश व्यापी आन्दोलन की घोषणा करने हेतु तत्पर है। आप सभी साथी पूरी ईमानदारी से अपनी अपनी ईकाइयों मे तैयारी करते रहे तथा प्रदेश की किसी ईकाई व संवर्ग का कर्मचारी हो या संगठन हम सभी का स्वागत करते है।



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