संतुलित मानव जीवन के लिए प्रकृति के मूल सिद्धांत का पालन जरूरी
यह जरूरी है..! शुद्ध श्वास लेने के लिए पौधरोपण संस्कृत
याद रखें..! पौधे हर मर्ज के रामबाण हैं
संजय मौर्य
कानपुर। पेड़ का हर अंग करता है दंग यानी पत्तियां टहनी और शाखाएं शोर को सोखती है तेज बारिश का वेग धीमा कर मृदाक्षरण को रोकती हैं जड़े पत्तियां तने पक्षियों जानवरों और कीट पतंगों को आवास मुहैया कराते हैं और जडे मिट्टी के स्थिरीकरण द्वारा क्षरण रोकती हैं तथा पत्तियां वायु के हानिकारक तत्वों को छानने में सक्षम,वातावरण को नम रखने में सहायक और वाष्पोत्सर्जन प्रक्रिया के तहत प्राणवायु का उत्सर्जन करते हैं उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में विमला नर्सिंग एंड फार्मेसी कॉलेज कानपुर व संविधान रक्षक दल के सहयोग से कोरोना मिटाओ नशा हटाओ हरियाली बढ़ाओ अभियान के तहत आयोजित वेबीनार शीर्षक "क्या शुद्ध श्वास लेने के लिए बच्चों में पौधरोपण संस्कृत अनिवार्य..?" में अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कही,ज्योति बाबा ने आगे कहा कि पौधरोपण के लिए हमें स्थानीय जलवायु एवं निवासियों की आवश्यकता के अनुरूप पौधों का चयन करना होगा,ताकि स्थानीय निवासियों की आजीविका के साथ पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका अदा कर सके।