यह कौन हैं?
मंजुल भारद्वाज
अपने घर को वापस लौटते
मीलों पैदल चलते
साइकिल चलाते
सब बेचकर बस में सवार
ट्रेन के सफ़र की दुत्कार
सहने वाले कौन हैं?
मार,भूख,प्यास के मारे
तिरस्कार के शिकार
कौन हैं?
जहाँ रह रहे हैं
वहां की सरकार
ना भेजना चाहती है
ना रखना चाहती है
जहाँ घर है
वहां की सरकार
उनको बोझ समझती है
यह अनचाहे
दर दर भटकते
कौन हैं?
क्या यह किसी प्रजातंत्र के नागरिक हैं?
क्या यह संवेदनशील समाज के नागरिक हैं?
मज़दूर,ग़रीब कौन हैं?
अपनी ज़िंदा लाश ढ़ोते
हर जगह दिखने वाले
यह कौन हैं?
भारत माता का जयकारा
लगाने वाले चौकीदारो
बताओ
क्या यह भारत की संतान नहीं हैं?
चाय बेचने वाले
अपने आप को
गंगापुत्र कहने वाले
बताओ यह कौन हैं?