कोरोना महामारी से निपटने के लिए मील का पत्थर साबित होगा सॉफ्टवेयर:-दुर्विजय सिंह शाक्य

संजय मौर्य


कानपुर। कम्पनी के फाउंडर डॉक्टर संदीप पाटिल के मार्गदर्शन से आईआईटी के दो युवा वैज्ञानिक दुर्विजय सिंह शाक्य और गौरव तिवारी ने इस महामारी से निपटने के लिए एक ऐसी खोज कर डाली जो वास्तव में मिसाल बन गई एक ऐसा सॉफ्टवेयर बना डाला जो आगामी समय में इस महामारी से निपटने के लिए मील का पत्थर साबित होगा युवा वैज्ञानिकों के इस सराहनीय पहल के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता एवं वर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी दोनों युवाओं को वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बधाई दी और उनके इस प्रोजेक्ट के डेमो को देखा भी।


दुर्विजय सिंह शाक्य एवं गौरव तिवारी जो कि ई स्पिन नैनोटेक आईआईटी कानपुर के छात्र हैं दोनों ने ही अपने युवा सोच के माध्यम से कोवीड आई नाम से सॉफ्टवेयर बनाया आपको बता दें दुर्विजय सिंह शाक्य मूलता मैनपुरी जिले के ग्राम कबरई के निवासी हैं और उनके पिता एक किसान है दुर्विजय सिंह शाक्य सन 2014 में महाराणा प्रताप इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक किया था और वर्तमान में ई स्पिन नैनोटेक आईआईटी कानपुर में कार्यरत हैं।
दुर्विजय सिंह शाक्य ने इस सॉफ्टवेयर के बारे में बताया की प्रोटोटाइप बनाकर इसका परीक्षण किया गया है मोबाइल के जरिए किए गए परीक्षण में तकनीकी में डिजिटल लॉक को भी जोड़ा गया है अगर कोई कर्मचारी किसी दूसरे कर्मचारी की आड़ में बगैर मास्क के प्रवेश करने की कोशिश करता है तो दरवाजा ऑटोमेटिक बंद हो जाएगा।
इसी प्रकार जब गौरव तिवारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया किस संस्थान के सीसीटीवी कैमरे से जोड़कर बिना किसी ऑपरेटर या सुरक्षाकर्मी के बगैर इस काम को किया जा सकता है तय मानक का पालन नहीं करने पर उस शख्स के वीडियो पर सर्किल बन जाएगा और प्रबंधन तक सूचना पहुंच जाएगी उन्होंने यह भी बताया कि लगभग मई माह के अंत तक यह सॉफ्टवेयर सभी को उपलब्ध हो जाएगा। इस सॉफ्टवेयर की पूरी जानकारी एक डेमो के माध्यम से  इन दोनों युवा वैज्ञानिक दुर्विजय सिंह शाक्य और गौरव तिवारी ने अपनी जुबानी दी है वह आप खुद ही देखें।



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