भ्रम की बात...
-मंजुल भारद्वाज
आज भारत तपती रेत पर
जलती हवाओं के पानी को ढूंढ़ता हुआ
बदहवास है
भारत मन की नहीं
भ्रम की बात को मान
तमाशा बन
तमाशबीन के भ्रम को
करतब मान रहा है
मैं अपने भारत में
जीवन की प्यास लिए
एक एक डग
मौत की तरफ़ बढ़ रहा हूँ
मैं लोकतंत्र हूँ
अब लोक रहित
तंत्र में बदल रहा हूँ!