क्षण-क्षण बदलता समय..
डॉ इला रंजन
*सिर्फ मेरे लिए*
तुमसे बातें करना मुझे अच्छा लगता
जीवन की खामोशी जीवन्त हो जाती..!
क्षण-क्षण बदलता समय के साथ
कोई भी कभी भी बोल पड़ता है.!
सच की भाषा कड़वी सी लगती है
खोना और पाना दोनो असंभव होता..!
जागकर सोये रहें या फिर सो कर जागें
कुछ बदलने से सब कुछ बदल गया जैसे.!
फिर खामोशी ने आवाज दी ध्वनि-विहिन
एक हलचल स्पष्ट किन्तु अस्पष्ट दिशाहीन..!
कोई तो बोलता कुछ सिर्फ मेरे लिए
मन को टटोलता बस सिर्फ मेरे लिए..!!