आखिर तुम मेरी कौन हो ?

पवन कुमार मौर्य


इच्छा हो, शिक्षा हो, मेरी प्रतीक्षा हो ।
अर्पण हो, दर्पण हो, मेरी समर्पण हो ।
आस हो, वास हो, मेरी प्रयास हो ।    
आखिर----


चाहत हो, राहत हो, मेरी शिकायत हो ।
सांस हो, सम्मान हो, मेरी विश्वास हो।
जान हो, पहचान हो ,मेरी इम्तिहान हो।
 
आखिर ------


स्नेह हो, प्यार हो, मेरी अरमान हो ।
ममता हो, समता हो, मेरी  क्षमता हो ।
रिश्ता हो, निष्ठा हो, मेरी प्रतिष्ठा हो।


आखिर ------


दिन हो, रात हो, मेरी बरसात हो।
गान हो, गीत हो , मेरी मनमीत हो।
आन हो, मान हो, मेरी पहचान हो ।


आखिर ------


चहल हो, महल हो, मेरी पहल हो
 ।
आस हो, पास हो, मेरी एहसास हो।
सुबह हो, शाम हो , मेरी पैग़ाम हो।


आखिर -------


 


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