रख चरागों में.....
सुरेंद्र सैनी बवानीवाल
सारा शहर डूब गया अभागों में.
अब रोशनी नहीं झलकती चरागों में.
गुथियों -पहेलियों में उलझे हैं लोग,
गांठ पड़ गयी है धागों में.
वफादारी को सरेआम बिकते देखा,
नाम किसका लें परागों ^में. (उदाहरण )
ना जाने क्या छिपा वक़्त के दरागों ^ में. (अजगर )
"उड़ता "हौसला -उम्मीद रख चरागों में.