भाभी और एक माँ!
मैं अब बदल गयी..
*इन्द्रधनुष*
डॉ इला रंजन*
तुम कहते हो
मैं अब बदल गयी हूँ
कहते हो मुझसे
पुन: बदल जाने को..!
चाह कर भी ऐसा
हो ही नही सकता
तुमने तो देखा था
बेटी, बहन, प्रेमिका और
एक सहपाठीनी को..!
पर पाया तुमने अब
एक पत्नी, बहू,
भाभी और एक माँ..!
फिर मैं पहले सी
कैसे हो सकती हूँ
सोचो तुम फिर
एक बार मेरे लिए..!