नेकी का रास्ता मुकम्मल

उन्हें याद रख, भला करके भूल जा


सुरेंद्र सैनी बवानीवाल 


नेकी का रास्ता मुकम्मल है, 
तू इंसानियत के साथ चल. 
एहसास के धागे से बांध ले, 
तू रोमानियत के साथ चल. 
दिल में थोड़ा तरस रख, 
हैवानियत को नकार चल. 
किसी के लिए छत बन, 
रवायतों के हिसाब चल. 
उनकी कुर्बानियों को याद रख, 
शहादतों के समाज चल. 
जज़्बातों से जुड़े रिश्ते, 
अमानतों के आज चल. 
चरित्रहीन हुए कुछ लोग, 
उनकी जमानतों के बाद चल. 
भला करके भूल जा, 
सब खयानतों के हाथ चल. 
ज़माने के एहसान तुझपर "उड़ता ", 
तू बस नियामतों को याद रख. 


 


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