मीलों अकेले चला हूँ "उड़ता "
मुश्किल से ना घबराओ.
सुरेंद्र सैनी बवानीवाल
मत रोक मुझे दूर जाना है.
सपने बहुत है उन्हें पाना है.
ख़्वाबों के हार पिरोने दो.
खिलतीं कलियाँ मत रोने दो.
ज़माने की ऊँच - नीच मत दिखलाओ,
छोटी बातों में मुझे मत उलझाओ.
मंज़िल एक ध्येय को पाना है,
मत कतरो पँख,
उन्हें दूर उड़ जाना है.
कदम मिला रौशन कर दो राहें,
थक कर रुक ना जाऊं,
थाम लो बाहें.
ध्रुव गगन बनकर मेरे साथ आओ,
कर फौलाद से इरादे,
मुश्किल से ना घबराओ.
मीलों अकेले चला हूँ "उड़ता "
मेरा साथ देने मेरे पास आओ.