भारतीय संविधान समता मूलक समाज निर्माण की मूल भावना से बनाया -आर.के. चौधरी

भारत में दोहरा संविधान लागू है? एक तो भारतीय संविधान दूसरे मनुस्मृति -आर.के. चौधरी


तरूण रावत


भारतीय संविधान समता मूलक समाज निर्माण की मूल भावना से बनाया गया है। परन्तु मनुस्मृति समाज को वर्ण और जातियों में खण्ड-खण्ड बांट कर सामाजिक भेदभाव की गहरी खाई बनाने का विधान है। मनुस्मृति को मानने वाले भारतीय संविधान की समता मूलक समाज निर्माण की अवधारणा हजम नहीं कर पाते. इसी आशंका से चिंतित बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर को संविधान सभा में बोलते हुए कहना पड़ा कि "संविधान चाहे कितना ही अच्छा हो, यदि उसे लागू करने वाले अच्छे न हों तो अच्छा संविधान भी बुरा होगा, और यदि लागू करने वाले अच्छे हों तो संविधान अच्छा होगा।" यह बातें लखनऊ दारूल सफा के कामन हाल में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री आर.के. चौधरी ने कहा। कॉमन हॉल में 'भारतीय संविधान संरक्षण संघर्ष समिति द्वारा आज एक विशेष चिंतन शिविर आयोजित किया गया था।


श्री चौधरी ने कहा कि देश में आज आर.एस.एस की भाजपा सरकार है। सरकार दनादन संविधान विरोधी फैसले ले रही है।सरकार देश के 31 एअर पोर्ट को प्राइवेट सेक्टर में दे दिया। रेलवे विभाग को भी प्राइवेट सेक्टर में देने का सिलसिला तेज कर दिया। दिल्ली का लाल किला प्राइवेट सेक्टर को पहले ही सौंप दिया जा चुका है। सरकार देश के सर्वोच्च संवैधानिक संस्थाओं के काम काज में अनावश्यक दखल दे रही है। इसीलिए प्रेस बुलाकर सुप्रीम कोर्ट के चार जजों को कहना पड़ा कि कोर्ट में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा हैसरकार ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को आधी रात छुट्टी पर भेजने का फरमान सुना दियाभाजपा की केन्द्र सरकार ने आर.बी.आई से 1 लाख 76 हजार करोड़ रूपया ले लिया और 1 लाख 45 हजार करोड़ रूपये का टैक्स कारपोरेट सेक्टर का माफ कर दिया आज देश भर का किसान परेशान है।


नवजवान बेरोजगार है। सवाल उसके भविष्य का है। छोटे करोबारी और दुकानदार जी.एस.टी. से तबाह हो रहे हैं. दैनिक मजदूर और कारीगर काम न मिल पाने से आज भूखों मर रहे हैं। जेएनयू जैसे देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं के छात्र अपनी मांगो को लेकर आन्दोलित हैं। आज देश भयंकर आर्थिक मंदी की चपेट में है। महंगाई अपने चरम सीमा पर पहुंच चुकी है। देश भर में अराजकता और भ्रष्टाचार का माहौल है। भाजपा सरकार को इसकी चिंता नहीं है बल्कि सरकार ने देश को नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीए जैसे मुद्दों में उलझा दिया।


सरकार हिन्दू-मुसलमान जंग कराने पर अमादा है। 8 लाख तक आय वाले सवर्ण को सरकार ने गरीब मान लिया है और उसे 10 प्रतिशत आरक्षण भी दिया। जबकि 2.50 लाख से अधिक आय पर सरकार ने इनकम टैक्स लगाया है। भाजपा सरकार ने गरीबी का दोहरा माप दण्ड बना दिया हैदलितों और पिछड़ों की गरीबी पर सरकार उसे अंत्योदय का सड़ा गेहूँ, चावल, मिट्टी का तेल और जाड़े में 50 रूपये का कम्बल व साड़ी और शौचालय दे रही हैपरन्तु 8 लाख तक सालाना आमदनी वाले संवर्ण को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने का फैसला किया है। 


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