तुमको ही विश्वास लिखा है
रमन शांडिल्य
शब्द-शब्द श्वास लिखा है,
हमने तो आभास लिखा है ।
ढोंगी, फ़रेबी दुनिया में,
तुमको ही विश्वास लिखा है ।
चाहे नगरी घोर अंधेरी,
तुमको ही प्रभास लिखा है ।
स्वर, व्यंजन, संयोजन से
हमने तो इतिहास लिखा है ।
सफल सफलता लिखते हैं,
हमने तो प्रयास लिखा है ।
प्रणय, प्रेम के गीतों का,
शब्दों से लिबास लिखा है ।
हमने तो आभास लिखा है,
तुमको ही विश्वास लिखा है ।