तथागत बुद्ध की प्रतिमा पर चीवर दान किया

वशिष्ठ मौर्य 


कुशीनगर| स्थित बुद्ध पी.जी. कॉलेज कुशीनगर के स्थापना दिवस एवं दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुईं । साथ ही साथ महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर का दर्शन कर परम्परानुसार तथागत बुद्ध की प्रतिमा पर चीवर दान किया।


तत्पश्चात परम पूज्य भदंत ए. बी. ज्ञानेश्वर, (अध्यक्ष- कुशीनगर भिक्षु संघ, कुशीनगर एवं मुख्य पुजारी महापरिनिर्वाण मंदिर कुशीनगर ‌की अध्यक्षता में स्थित भिक्षु संघ ने महामहिम के निरोग एवं दीर्घायु सुखमय जीवन हेतु सूत्रपाठ किया । वहां उपस्थित परम पूज्य भिक्षु डॉ. नंद रतन थेरों (पूर्व राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त एवं बिहाराधिपति श्रीलंका बौद्ध विहार कुशीनगर ने कुशीनगर के अतीत व वर्तमान में इसके महत्व के बारे में बताया ।



महामहिम आनंदीबेन पटेल, राज्यपाल उत्तर प्रदेश सरकार...


उसके बाद महामहिम ने परंपरा अनुसार वहां उपस्थित भिक्षु संघ को चीवर दान व अर्थ दान किया। साथ ही अन्य भिक्षु उपस्थित रहे भिक्षु महेंद्र (बिहार अधिपति भदंत ज्ञानेश्वर बुद्ध विहार कुशीनगर), भिक्षु ऊ. नंदिका, भिक्षु अशोक, भिक्षु शीलप्रकाश, भन्ते तेजवन्त तथा अन्य अधिकारी गण उपस्थित रहे, इसके बाद मुख्य मंदिर के पीछे स्थित स्तूपा का परिक्रमा करते हुए कुशीनगर में प्राप्त अन्य भाग्नावशेषों को देखा जिसके बाद बुद्ध के अंतिम संस्कार स्थल का दर्शन कर कुशीनगर से विदाई ली।


आज महामहिम आनंदीबेन पटेल, राज्यपाल उत्तर प्रदेश सरकार। कुशीनगर स्थित बुद्ध पी.जी.  कॉलेज कुशीनगर के स्थापना दिवस एवं दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुईं। साथ ही साथ महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर का दर्शन कर परम्परानुसार तथागत बुद्ध की प्रतिमा पर चीवर दान किया । तत्पश्चात   परम पूज्य भदंत ए. बी.  ज्ञानेश्वर, (अध्यक्ष- कुशीनगर भिक्षु संघ, कुशीनगर एवं मुख्य पुजारी महापरिनिर्वाण मंदिर कुशीनगर ‌) की अध्यक्षता में स्थित भिक्षु संघ ने महामहिम के निरोग एवं दीर्घायु सुखमय जीवन हेतु सूत्रपाठ किया। वहां उपस्थित परम पूज्य भिक्षु डॉ. नंद रतन थेरों (पूर्व राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त एवं बिहाराधिपति श्रीलंका बौद्ध विहार कुशीनगर) ने कुशीनगर के अतीत व वर्तमान में इसके महत्व के बारे में बताया ।


महामहिम ने परंपरा अनुसार वहां उपस्थित भिक्षु संघ को चीवर दान व अर्थ दान किया। साथ ही अन्य भिक्षु उपस्थित रहे भिक्षु महेंद्र (बिहार अधिपति भदंत ज्ञानेश्वर बुद्ध विहार कुशीनगर), भिक्षु ऊ. नंदिका, भिक्षु अशोक, भिक्षु शीलप्रकाश, भन्ते तेजवन्त तथा अन्य अधिकारी गण उपस्थित रहे । इसके बाद मुख्य मंदिर के पीछे स्थित स्तूपा का परिक्रमा करते हुए कुशीनगर में प्राप्त अन्य भाग्नावशेषों को देखा । जिसके बाद बुद्ध के अंतिम संस्कार स्थल का दर्शन कर कुशीनगर से विदाई ली ।


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