हिंदी से ही मेरा हिंद और मेरा हिंदुस्तान
डॉ बीना सिंह
हिंदी मेरा प्यार है हिंदी मेरा अभिमान
हिंदी मेरा व्यवहार है हिंदी स्वाभिमान
हिंदी सरल सहज और मीठी जुबान है
लोगों को फिरअंग्रेजी पर क्यों है गुमान
हिंदी है मेरे माथे की बिंदी है मेरा श्रृंगार
हिंदी मेरे सभ्यता संस्कृति की है पहचान
भाषा में प्रख्यात और विख्यात है हिंदी
क्यों जूझ रही है पाने को अपना स्थान
हिंदी सुर है सरगम है संगीत है ताल है
हिंदी से ही मेरा हिंद और मेरा हिंदुस्तान