भाईचारे की मिसाल ज़िंदा है...

सुरेंद्र सैनी "उड़ता


ऐसा मेरा देश है  


चार मौसम घेरे हुए 
सात रंगों में रंगा भेष है 
डाल -डाल पर एक इतिहास 
सजल, सुखद, वृहद्  ऐसा मेरा देश है 


आदर सत्कार का समुदाय है 
विभिन्न संस्कृतियों का समावेश है 
हर सीने में महात्मा बुद्ध है 
गलत बात पर जज़्बा -ए -आवेश है 


भाईचारे की मिसाल ज़िंदा है 
रिश्ते -नाते यहाँ सर्वेश है 
उलझन तो अपनी दिनचर्या है 
बाहरी बातों का बैन प्रवेश है 


काली नागिन सी पर्वत श्रृंखलाएं 
बहते झरनों से इसके केश हैं 
हरा -भरा धानी सा आँचल 
सदा दिखावों का दरवेश है 


हौसलों से हर जंग जीती है 
ज़मीन से जुडा हर लेश है 
शिक्षा से तम को दूर किया है 
उपजे मिथक जो मात्र श्लेष है 
अनेकता में भी एकता है 
ऐसा मेरा यह देश है. 


 


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