आज मैंने भी एक फैसला कर लिया
बस मर लिया...
सुरेन्द्र सैनी
"उड़ता "
आज मैंने भी एक फैसला कर लिया
अहसास जोड़कर तुझसे इश्क़ कर लिया.
वैसे तो ख्वाहिशें कहाँ पूरी होती है
इतना समझ लो एक पल में जी लिया मर लिया
लाख मुश्किलें रही तेरे मेरे दरमियाँ
कहीं हौसला रखा कहीं थोड़ा डर लिया
एक पल मे हो गया था दीवाना तेरा
तूने रात की नींद दिन का चैन हर लिया
तुझे देने को मेरे पास कुछ भी नहीं
तूने मेरा ईमान एवज में गिरवी धर लिया
दिल में जोश है रास्ता मेरा पक्का "उड़ता "
तेरा इशारा मिला मैं राहों से गुजर लिया.