संगीत एवम् कला का नाम है तृप्ति शक्या -

संजय मौर्य 


तृप्ति शाक्या एक कलाकार का नाम ही नहीं , एक यात्रा है संगीत की ।। आशीर्वाद है संगम का ।। संगीत विरासत मे नहीं, कमाया है साधनातृप्ति शाक्या एक कलाकार का नाम ही नहीं , एक यात्रा है संगीत की ।। आशीर्वाद है संगम का ।। संगीत विरासत मे नहीं, कमाया है साधना से , माता पिता सगे संबंधियों के प्रेम और आशीष से |अनगिनत गीत , भजन और भगवान राम का सबसे बड़ा भजन जो शायद ही हममें से किसी ने भी नहीं गुनगुनाया हो , कभी राम बनके कभी श्याम बनके !! 
भारत और विदेश के कोने कोने मे इनके कार्यक्रम और इनका नाम गर्व से लिया जाता है , कौन कहता है हमारी भोजपुरी इंडस्ट्री और सिनेमा मे सिर्फ़ अश्लीलता परोसी जाती है , तृप्ति जी जैसे कलाकार आज भी भोजपुरी सिनेमा संगीत मे अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है जो निश्चित ही प्रशंसनीय है। 


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