मृत्यु भी वापिस लौट गई...
अनंत कथामृत
बाबा के आशीर्वाद से केहर सिंह दी को आधी रात में अर्धनिन्द्रा में ही हार्टअटैक आ गया । उसी चेतनहीनता में उन्होंने पाया कि कूछ विचित्र आकृति एमव वेशभूषा वाले लोग उन्हें पकड़कर उठाये लिये जा रहे है और तब एक विशेष तेजोमय क्षेत्र में पहुँचकर पाया कि सामने ही बाबा बैठे है ।। इन्हें देखते हाँ बाबा जी पहले तो बहूत प्रसन्न हूये और फिर चिल्ला उठे ,""इसे क्यूँ लाये ?" वे लोग बोले," महाराज इसका समय पूरा हो गया है ।""तब बाबा जी और भी ज़ोर से बोले," क्या होता है समय ? केहर सिंह मेरे हुक्म से यहाँ आयेगा । ले जाओ इसे वापिस ।"" और कूछ देर बाद पसीने से तर केहर सिंह जी चैत्नयावस्था में आने लगे । जीवनदान दे दिया बाबा ने । मृत्यु के बाद वापस जीवन मेँ भेज दिया क्यूँकि बाबा के ईच्छा के बिना मृत्यु भी आकर वापस लौट जाती है ।