28 दिसम्बर  से  ‘अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर’ का आयोजन

बाल शिविर वास्तव में पूरी दुनिया को एकता के सूत्र में पिरोता है -सुष्मिता बासु 


लखनऊ। 27वंे 'अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर' का आयोजन 28 दिसम्बर 2019 से 24 जनवरी 2020 तक किया जा रहा है। इस शिविर में 13 देशों ब्राजील, कनाडा, कोस्टारिका, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, मैक्सिको, नार्वे, स्वीडन, थाईलैंड, अमेरिका और भारत के 11-12 वर्ष की आयु के चार-चार बच्चों के दल अपने शिक्षकों के साथ इस बाल शिविर में प्रतिभाग हेतु लखनऊ पधार रहे हैं। इसके अलावा, अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर की सुव्यवस्था एवं प्रतिभागी छात्रों के बीच आपसी संवाद हेतु 16 से 17 वर्ष की आयु के जूनियर काउन्सलर भी शामिल होंगे।


उक्त जानकारी आज यहाँ आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में सी.आई.एस.वी. इण्डिया चैप्टर के प्रेसीडेन्ट, शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने पत्रकारों को दी।



प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डा. गाँधी ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर के अन्तर्गत 13 देशों के ये बाल प्रतिनिधि एक माह तक सहयोग, मित्रता, विश्व एकता, विश्व शांति और वैश्विक समझ के गुणों को आत्मसात करने के लिए एक छत के नीचे हिल-मिलकर रहेंगे। इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर का नाम ''पीस हैज ए 100 नेम्स विलेज'' रखा गया है जो विभिन्न देशों के बच्चों के बीच आपसी समझ, सहयोग और विश्व बन्धुत्व के विचारों को बढ़ायेगा और उन्हें विश्व शांति, विश्व एकता और भाईचारे के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेगा।


बाल शिविर में विभिन्न देशों के बच्चों के प्रवास के दौरान, शिक्षकों द्वारा एक माहौल बनाकर अवसरों का सृजन किया जाएगा जो बच्चों को अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने के लिए अनुकूल होगा और ये विभिन्न देशों के बच्चे एक दूसरे की संस्कृतियों में विविधताएं, रीति-रिवाजों और परंपराओं को जाने-समझेंगे। यह बाल शिविर मानव जाति की समानता और सभी संस्कृतियों के प्रति सम्मान के आधार पर एक वैश्विक लोकतांत्रिक व्यवस्था के गठन का मार्ग प्रशस्त करेगा।


इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर वास्तव में पूरी दुनिया को एकता के सूत्र में पिरोता है, जहाँ विभिन्न देशों के बच्चे साथ-साथ रहकर विश्व शान्ति, विश्व एकता एवं विश्व बन्धुत्व का संदेश देंगे एवं विश्व परिवार की भावना को साकार रूप देंगे...


प्रेस कान्फ्रेन्स में उपस्थित इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर वास्तव में पूरी दुनिया को एकता के सूत्र में पिरोता है, जहाँ विभिन्न देशों के बच्चे साथ-साथ रहकर विश्व शान्ति, विश्व एकता एवं विश्व बन्धुत्व का संदेश देंगे एवं विश्व परिवार की भावना को साकार रूप देंगे। बच्चे बहुत संवेदनशील होते हैं और नई चीजें सीखना व जानना चाहते हैं, ऐसे में विभिन्न देशों के बच्चों के बीच आपसी सहिष्णुता, मैत्री व सौहार्द की भावना का विकास बहुत मायने रखता है क्योंकि यही बच्चे आगे चलकर एकता व शान्ति से परिपूर्ण विश्व समाज की आधारशिला रखेंगे।


अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर की निदेशिका सुदीप्ता सिंह ने बताया कि इंग्लैण्ड की चिन्ड्रेन्स इन्टरनेशनल समर विलेज संस्था (सी.आई.एस.वी.) के तत्वावधान में विश्व के अलग-अलग देशों में इस प्रकार के अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविरों का आयोजन किया जाता है एवं इसी कड़ी में सी.एम.एस. की मेजबानी में 27वाँ अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर आयोजित किया जा रहा है।


इस बाल शिविर में 13 देशों के चार-चार बच्चों के दल अपने ग्रुप लीडर के नेतृत्व में प्रतिभाग कर रहे हैं, जिनमें दो बालक व दो बालिकाएं हैं। एक माह के लखनऊ प्रवास के दौरान ये विदेशी मेहमान बच्चे भारतीय परिवारों में भी दो दिन बितायेंगे एवं अपने देश की सुसंगठित व संयुक्त पारिवारिक प्रथा से अवगत होंगे। बाल शिविर के दौरान, बच्चों को पारंपरिक लोक नृत्यों, त्योहारों, जीवन शैली, संतुलित भोजन, रीति-रिवाजों आदि के साथ-साथ कई सामाजिक, शैक्षिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियों का भी आयोजन किया जाएगा। भोजन, आवास, खेल, लखनऊ के ऐतिहासिक स्थानों की सैर, चिकित्सा सुविधा आदि की व्यवस्था की गयी है। 


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