उच्च शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण से लैस भारतीय युवाओं के लिए देश-विदेश में नौकरियों की कमी नहीं।

आशीष कुमार 


उन्नाव | आई बी डी बिजनेस स्कूल स्विट्जरलैंड द्वारा प्रकाशित ग्लोबल टैलेंट रैंकिंग- 2019 का गंभीरतापूर्वक अध्ययन करें तो 63 देशों की इस सूची में भारत छह पायदान खिसक कर 59वें पायदान पर आ पहुंचा है। 


  सूची में स्वीटजरलैंड लगातार छठे साल भी शीर्ष पर है, डेनमार्क  दूसरे तथा स्वीडन तीसरे स्थान पर है।
  इस सूची में प्रतिभाओं के विकास, उन्हें आकर्षित करने, उन्हें देश से ही जोड़े रखने तथा उनकी शैक्षिक गुणवत्ता के लिए किए जा रहे निवेश के आधार पर रैंकिंग तय की जाती है।
  इस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि टैलेंट पूल की गुणवत्ता के मामले में भारत का प्रदर्शन औसत से बेहतर है लेकिन कुछ मोर्चे हैं जिन पर गुणवत्ता कमतर है । सरकारी शिक्षा क्षेत्र में निवेश की कमी है । ज्यादातर युवा गुणवत्ता पूर्वक प्रशिक्षण एवं जीवन से वंचित हैं । युवाओं को आकर्षित करने और उन्हें बनाए रखने की क्षमता भी कम है।  स्वास्थ्य सेवा का स्तर भी बहुत अच्छा नहीं है । श्रमबल में महिलाओं की पर्याप्त भागीदारी नहीं है।  इसके अलावा निवेश एवं   विकास के मामले में भारत सूची में शामिल देशों में बहुत पीछे हैं,  क्योंकि देश के विकास की नई पीढ़ी को योग्य या कुशल बनाकर ही रोजगार की संभावनाओं को साकार किया जा सकता है।
   ध्यान रखना होगा कि भारत में करीब 50% आबादी जिसकी उम्र 25% से कम है तथा 65% आबादी जो कि 35 वर्ष से कम  है। भारत के पास विकसित देशों की तरह रोजगार बढ़ाने के विभिन्न संसाधन और आर्थिक शक्तियां भी उपलब्ध नहीं हैं। 
उच्च शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण से लैस भारतीय युवाओं के लिए देश-विदेश में नौकरियों की कमी नहीं। इन युवाऔं के अलावा ऐसी आबादी भी है जिसके पास खूब डिग्रियां हैं लेकिन योग्यता के अभाव में नौकरी नहीं मिल रही है,  इसलिए यह देश अपनी युवा आबादी और उनकी योग्यता को ही अपनी ताकत बना कर  आगे बढ़ सकता है।
  वास्तव में इस दुनिया के साथ-साथ देश का भी रोजगार परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। ऐसे बदलते परिदृश्य में रोजगार की जरूरतें भी बदल रहे हैं। तकनीकी की प्रधानता बढ़ रही है। भारत में अभी इतने युवा आगे नहीं आ रहे हैं, जितने की जरूरत है। ऐसे में जरूरी है कि सरकार प्रतिभाओं के विकास पर पूरी ईमानदारी व सख्ती से ध्यान दें, जिससे दक्ष प्रतिभाओं का निर्माण किया जा सके और रोजगार पाया जा सके। 
 यदि हम चाहते हैं कि भारतीय प्रतिभाएं देश की मिट्टी को सोना बना दें तो हमें ग्लोबल टैलेंट रैंकिंग-2019 को ध्यान में रखते हुए बहुत सारे प्रभावी कदम उठाने होंगे।


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

..आपने मुन्ना को देखा है?

यूपी सरकार में दवा व्यवसाई भी सुरक्षित नहीं?