‘क्वालिटी विचारधारा’ को अपनाकर ही भावी पीढ़ी उन्नति कर सकती

विनम्रता से हम सहज रूप से आगे बढ़ सकते हैं- रोली


हमें केवल समस्याओं के बारे में नहीं सोचना है... बल्कि उनको वैज्ञानिक व शान्तिपूर्ण तरीके से कैसे सुलझाया जाए... यह भी सोचना है हमें निर्णय लेने की शक्ति अर्जित करनी है... अनुशासन में रहना और सकारात्मक सोच रखना सीखना है... 


लखनऊ। चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय स्टूडेन्ट्स क्वालिटी कन्ट्रोल सर्किल सम्मेलन (आई.सी.एस.क्यू.सी.सी.- 2019) का दूसरा दिन देश-विदेश से पधारे क्वालिटी विशेषज्ञों के सारगर्भित विचारों से ओतप्रोत रहा। इन प्रख्यात विशेषज्ञों ने युवा पीढ़ी को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में 'क्वालिटी की भावना' को आत्मसात करने पर जोर देते हुए इसे जीवन के सर्वोच्च शिखर पर पहुँचने का सशक्त माध्यम बताया। क्वालिटी विशेषज्ञों ने छात्रों को जीवन में उत्कृष्टता लाने के लिए पढ़ने की प्रणाली व जीवन शैली में सुधार लाने के लिए प्रेरित किया, साथ ही चरित्र निर्माण, टीम वर्क, सहयोग की भावना, विचारों के आदान-प्रदान के महत्व पर भी जोर दिया। इसके अलावा देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने कोलाज एवं केस स्टडी प्रजेन्टेशन प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का जोरदार प्रदर्शन किया। इससे पहले, आई.सी.एस.क्यू.सी.सी.-2019 के दूसरे दिन का शुभारम्भ प्रख्यात शिक्षाविद् एवं लेखिका अनीता अराथून के सारगर्भित अभिभाषण से हुआ।


देश-विदेश से पधारे क्वलिटी विशेषज्ञों एवं प्रतिभागी छात्रों को सम्बोधित करते हुए अराथून ने कहा कि 'क्वालिटी विचारधारा' को अपनाकर ही भावी पीढ़ी उन्नति कर सकती है। बच्चों में क्वालिटी की भावना का समावेश करने में शिक्षकों की अहम भूमिका है क्योंकि आधुनिक युग में शिक्षकों की भूमिका गुरू से फेसिलिटेटर की हो गई है। शिक्षक ही छात्रों के मस्तिष्क को प्रकाशित कर उन्हें क्वालिटी परसन बनाते हैं। डा. ए. सेन्थिल कुमारान, चीफ कान्फ्लएन्सर, द लर्नस कान्फ्लुएन्स, ने कीनोट एड्रेस देते हुए कहा कि किसी भी विद्यालय में गुणवत्ता लाने के लिए अच्छा वातावरण होना चाहिए।


स्कूल का वातावरण ही इस बात द्योतक है कि शिक्षक कितनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है। श्री कुमारन ने कहा कि शिक्षा वह है जो बच्चों को स्कूल में प्रसन्नता का अनुभव कराये। इस अवसर पर स्वागत भाषण देते हुए सी.एम.एस. कानपुर रोड की प्रधानाचार्या व इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन की सह-संयोजिका रोली त्रिपाठी ने कहा कि हमें केवल समस्याओं के बारे में नहीं सोचना है बल्कि उनको वैज्ञानिक व शान्तिपूर्ण तरीके से कैसे सुलझाया जाए, यह भी सोचना है। हमें निर्णय लेने की शक्ति अर्जित करनी है, एवं अनुशासन में रहना और सकारात्मक सोच रखना सीखना है। विनम्रता से हम सहज रूप से आगे बढ़ सकते हैं।
सम्मेलन के ओपनिंग प्लेनेरी सेशन में देश-विदेश से पधारे क्वालिटी विशेषज्ञों ने 'न्यू ट्रेंड्स इन एजूकेशन क्रिएटिंग एन इफेक्टिव पेडागोजिकल इन्वायर्नमेन्ट' पर व्यापक चर्चा-परिचर्चा की। सेशन का संचालन डा. एस. बी. पुरोहित, सेक्रेटरी, क्यू.सी.एफ.आई., दिल्ली चैप्टर ने किया। परिचर्चा में अपने विचार रखते हुए प्रो. एम आर कबीर, प्रो वाइस-चांसलर, यूनिवर्सिटी आॅफ एशिया पैसिफिक, बांग्लादेश, ने कहा कि शिक्षकों का विनम्र व्यवहार अत्यन्त आवश्यक है। शिक्षकों का व्यवहार ही बच्चों को सीखने में मदद करता है। विशेषकर प्राईमरी के बच्चों को अपने शिक्षक से भयभीत नहीं होना चाहिए। श्री मोहनदास टीलक, फाउण्डर एवं एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, फिजिकली एवं मेन्टली चैलेन्ज्ड स्टूडेन्ट क्वालिटी सर्किल, माॅरीशस, ने कहा कि प्रोद्योगिकी से शिक्षा प्रदान करने में सुगमता आती है। शिक्षा बच्चों के सीखने का क्षेत्र
सुनिश्चित करने वाला होना चाहिए। आयरलैण्ड से पधारी सीनियर स्पीच एण्ड लैग्वेज थेरेपिस्ट सुश्री एजिजाबेथ वैगस्टाफ ने कहा कि हमें बच्चों के चरित्र निर्माण को लेकर हमेशा सचेत व सजग रहना चाहिए एवं बच्चों को सतत अभ्यास कराते रहना चाहिए। श्रीमती इन्दु डोगरा, पूर्व प्रोफेसर, गवर्नमेन्ट मोहिन्द्रा कालेज, इण्डिया, ने कहा कि एक शिक्षक मूलरूप से एक सीखने
वाला एवं परिचयकर्ता होता है। शिक्षक ही समाज का मुख्य स्तम्भ है। इसी प्रकार श्री मधुकर नारायण, चेयरमैन, एम.एस.क्यू.सी.सी., माॅरीशस, श्री राजकुमार महाराजन, क्वेस्ट, नेपाल, श्री ली गौशाई, डेप्युटी सेक्रेटरी जनरल, चाइना एसोसिएशन आॅफ क्वालिटी, चीन, श्री ए.के.एम. सैमसुल हुडा, वाइस प्रेसीडेन्ट, बी.एस.टी.क्यू.एम., बांग्लादेश एवं श्री शकील अहमद काकवी, मैनेजर, एम.ई.एस. इण्डियन, स्कूल, कतर समेत कई क्वालिटी विशेषज्ञों ने अपने सारगर्भित विचारों से छात्रों, शिक्षकों व उपस्थित जन-समुदाय का मार्गदर्शन किया।


सम्मेलन के अन्तर्गत आज देश-विदेश से पधारे प्रतिभागी छात्रों ने कोलाज एवं केस स्टडी प्रस्तुतिकरण प्रतियोगिताओं में अपनी रचनात्मक क्षमता का भरपूर प्रदर्शन किया। जहाँ एक ओर केस स्टडी प्रजेन्टेशन के माध्यम से देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने घर, विद्यालय व समाज की विभिन्न समस्याओं पर 'क्वालिटी सर्किल' के माध्यम से रचनात्मक समाधान प्रस्तुत
कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया, तो वहीं क्वालिटी पर आधारित कोलाज प्रतियोगिता द्वारा छात्रों ने अपने अन्दर छिपी क्वालिटी पर्सन बनने की इच्छा को चित्रों द्वारा प्रकट किया, जिसमें प्रतिभागी छात्रों ने दिखाया कि क्वालिटी सर्किल अपनाकर किस प्रकार जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन और चारित्रिक गुणों का विकास किया जा सकता है। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि विश्व के विभिन्न देशों से पधारे प्रख्यात क्वालिटी विशेषज्ञों का सारगर्भित अभिभाषण कल भी जारी रहेगा। इसके अलावा, 'वेज टु मेक इंग्लिश टीचिंग मोर इन्ट्रेस्टिंग' एवं 'मास्टर क्लास लीडरशिप' विषयों पर कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा, साथ ही विभिन्न विद्यालयों से पधारे शिक्षकों व शिक्षाविद्ों द्वारा पेपर प्रजेन्टेशन किया जायेगा। 


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