पुलिस स्मृति दिवस में सम्मिलित हुए डी जी पी  ओ पी  सिंह व सी एम... शहीदों को दी श्रद्धांजलि...

प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था सुदृढ़ कर जनमानस में सुरक्षा की भावना पैदा करना और अपराधियों में कानून का भय व्याप्त करना हमारी सरकार की प्रमुख नीति... 



देश के लिए बलिदान करने वाले जवानों में प्रदेश पुलिस के 05 बहादुर कार्मिक शामिल...


मो० नसीर 


लखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने यहां रिजर्व पुलिस लाइन्स में 'पुलिस स्मृति दिवस परेड' के अवसर पर शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध करायेगी| प्रदेश सरकार 'पुलिस स्मृति दिवस परेड' आयोजित परेड की सलामी ली और कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की उन्होंने कहा कि इस अवसर पर हम देश के सभी शहीद पुलिसजनों, जिन्होंने वर्ष 2018-19 में कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राण न्यौछावर किये हैं, को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये एकत्रित हुए हैं उन्होंने कहा कि देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले इन जवानों में उत्तर प्रदेश पुलिस के 05 बहादुर कार्मिक शामिल हैं। इन जवानों ने उत्तर प्रदेश शासन एवं पुलिस विभाग का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार उन्हें हर सम्भव सहायता उपलब्ध करायेगी।


 



राज्य सरकार ने अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए, इस वर्ष गणतन्त्र दिवस एवं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 100 पुलिसकर्मियों को 'उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह' तथा 400 पुलिस कर्मियों को 'सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह' से सम्मानित किया गया है। इसी अवसर पर 1048 राजपत्रित व अराजपत्रित पुलिस कार्मिकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पुलिस महानिदेशक के प्रशंसा चिन्ह 'DG Commendation Disc' से, विशिष्ट सेवाओं के लिए 08 अधिकारियों/कर्मचारियों को माननीय राष्ट्रपति के 'पुलिस पदक' से, 129 अराजपत्रित पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को सराहनीय सेवाओं के लिए 'पुलिस पदक' एवं 05 राजपत्रित व अराजपत्रित अधिकारियों/कर्मचारियों को मुख्यमंत्री के 'उत्कृष्ट पुलिस सेवा पदक' से सम्मानित किया गया है। ड्यूटी के दौरान शहीद/मृत पुलिस कर्मियों एवं उत्तर प्रदेश राज्य के मूल निवासी केन्द्रीय अर्द्धसैन्य बलों/ अन्य प्रदेशों के अर्द्धसैन्य बलों अथवा भारतीय सेना में कार्यरत रहते हुए 169 शहीद/मृत कर्मियों के आश्रितों को 37 करोड़ 54 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी है| प्रदेश के जनपद/इकाइयों में नियुक्त पुलिसकर्मियों को उनकी सुख-सुविधा हेतु 03 करोड़ रुपए एवं उनके कल्याण हेतु 04 करोड़ रुपए का अनुदान प्रदान किया गया है। अनुकम्पा निधि के अन्तर्गत 22 पुलिस कर्मियों को 02 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी है। कार्यरत व सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों एवं उनके आश्रितों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति से सम्बन्धित प्राप्त 465 दावों का निस्तारण कर 86 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गयी है | राज्य सरकार द्वारा 05 लाख रुपए से अधिक के चिकित्सा प्रतिपूर्ति सम्बन्धी 58 प्रकरणों में 02 करोड़ 34 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गयी है 57 पुलिस कर्मियों एवं उनके आश्रितों को गम्भीर बीमारियों के उपचार हेतु तात्कालिक रूप से अग्रिम ऋण के रूप में 01 करोड़ 92 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गयी हैजीवन बीमा योजना के अन्तर्गत बीमित 323 मृतक पुलिसकर्मियों के आश्रितों को सहायता के रूप में 05 करोड़ 84 लाख रुपए की बीमा धनराशि का भुगतान किया गया है170 पुलिसकर्मियों एवं उनके 323 मृतक पुलिसकर्मियों के आश्रितों को सहायता के रूप में 05 करोड़ 84 लाख रुपए की बीमा धनराशि का भुगतान किया गया है170 पुलिसकर्मियों एवं उनके आश्रितों द्वारा कराये गये उपचार से सम्बन्धित 01 करोड़ 46 लाख रुपए के बिलों का कैशलेस उपचार सुविधा के अन्तर्गत तथा 06 मृत पुलिसकर्मियों के आश्रितों को पुलिस सैलरी पैकेज के अन्तर्गत 55 लाख रुपए का भुगतान किया गया है| पुलिस के मनोबल, कार्यकुशलता एवं व्यवसायिक दक्षता को बढ़ाने के उददेश्य से ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। विगत एक वर्ष में पुलिस के अराजपत्रित स्तर के विभिन्न पदों पर 28 हजार 453 कर्मियों को पदोन्नति प्रदान की गई है। पुलिस कार्मिकों को इतनी संख्या में प्रोन्नति प्रदान किया जाना एक रिकॉर्ड है।


पुलिस विभाग में उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस एवं उसके समकक्ष 2486 पदों के साथ-साथ 74 हजार 882 आरक्षी पुलिस/पी0ए0सी0, 206 लिपिक संवर्ग तथा 666 कम्प्यूटर ऑपरेटर के पदों पर सीधी भर्ती एवं 1732 मृतक आश्रितों को विभिन्न पदों पर सेवायोजित करते हुए कुल 79 हजार 972 व्यक्तियों को सेवायोजन प्रदान किया गया हैवर्तमान में पलिस बल में आरक्षी एवं समकक्ष तथा उपनिरीक्षक/प्लाटून कमाण्डर एवं उसके समकक्ष 61 हजार 134 पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित है। प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था सुदृढ़ कर जनमानस में सुरक्षा की भावना पैदा करना और अपराधियों में कानून का भय व्याप्त करना, हमारी सरकार की प्रमुख नीति है। इस हेतु प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 39 नए थानों एवं 15 नई चौकियों की स्थापना की गयी है। प्रदेश पुलिस के समक्ष कानून-व्यवस्था की अनेक समस्याएं आयीं, जिन्हें एक चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए तत्काल व्यापक सुरक्षात्मक उपाय किए गए।



राज्य सरकार द्वारा अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई...


राज्य सरकार द्वारा अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। जिसके परिणाम स्वरूप अब तक प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 96 दुर्दान्त/पुरस्कार घोषित अपराधी, पुलिस कार्रवाई में मारे गये हैं तथा 1631 अपराधी घायल हुए हैं। इस अवधि में 10 हजार 252 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें से 6,759 पुरस्कार घोषित अपराधी हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कोई ऐसा संगठित अपराधी नहीं है, जो जेल के बाहर स्वच्छंद रूप से विचरण कर रहा हो। ऐसे अपराधियों को या तो जेल भेज दिया गया है या गिरफ्तारी के दौरान वे पुलिस की आत्मरक्षार्थ कार्रवाई में मारे गए हैं। इन कार्रवाइयों के दौरान पुलिस के 05 जवान अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए तथा 752 पुलिसकर्मी घायल हुए हैंपुलिस की इन कार्रवाइयों से सभी वर्गों विशेषकर व्यापारियों, महिलाओं, बालिकाओं आदि में सुरक्षा की भावना व्यापक रूप से सुदृढ़ हुई है।


प्रदेश पुलिस की उच्चकोटि के पर्यवेक्षण, कुशल रणनीति, सुविचारित पुलिस प्रबन्धन एवं उन्नत तकनीकी प्रणाली के परिणामस्वरूप विश्व का सबसे विशाल जनसंकुल प्रयागराज कुम्भ-2019 निर्विघ्न एवं सकुशल सम्पन्न हुआ, जिसकी विश्व पटल पर सराहना की गयी। इसी प्रकार, वाराणसी में 15वां प्रवासी भारतीय दिवस एवं लोकतंत्र कामहापर्व लोकसभा आम चुनाव भी शान्तिपूर्ण एवं निर्विघ्न रूप से सम्पन्न कराया गयाप्रदेश में सभी प्रमुख पर्व, त्योहार, मेले और अन्य धार्मिक आयोजन भी सकुशल सम्पन्न हुएइस प्रकार के विशिष्ट एवं महत्वपूर्ण आयोजनों को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराकर प्रदेश पुलिस ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा एवं उनके सशक्तिकरण हेतु 'एण्टी रोमियो स्क्वॉड' का गठन कर अनवरत अभियान चलाया जा रहा है। इससे पहली बार प्रदेश में महिलाओं विशेषकर छात्राओं में आत्मविश्वास एवं सुरक्षा की भावना सुदृढ़ हुई है। प्रदेश की आम जनता विशेषकर व्यापारियों के बीच सुरक्षा की भावना, पुलिस की मित्र छवि बनाने एवं अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई किए जाने के उददेश्य से प्रत्येक थाना क्षेत्र में प्रतिदिन 01 घण्टा नियमित रूप से फुट पेट्रोलिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस कार्यवाही से अपराध में न सिर्फ कमी आयी है, बल्कि आमजन का पुलिस के प्रति भरोसा और सुदृढ़ हुआ है। प्रदेश में अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत 23 हजार 773 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया एवं इनसे 200 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध साधनों से अर्जित सम्पत्तियां जब्त की गयी हैंअपराध व अपराधियों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति के तहत की जा रही प्रभावी पुलिस कार्रवाई के कारण अपराधियों में भय व्याप्त हो चुका हैइसके फलस्वरूप 16 हजार 985 अभियुक्त अपनी जमानत निरस्त कराकर मा० न्यायालय में आत्मसमर्पण कर जेल जा चुके हैं। 


पुलिस के मनोबल, कार्यकुशलता एवं व्यवसायिक दक्षता को बढ़ाने के उद्देश्य से ऐतिहासिक कदम उठाए...


वर्तमान सरकार द्वारा प्रत्येक घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत किए जाने की व्यवस्था की गयी है। इसके लिए e-FIR की व्यवस्था भी प्रारम्भ की गयी है, जिसके अन्तर्गत पीड़ित व्यक्ति थाने पर जाए बिना घर बैठे ही FIR पंजीकृत करा सकता है। आम नागरिकों को प्रदान की जाने वाली नागरिक सुविधाओं यथा चरित्र सत्यापन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, गुमशुदगी इत्यादि के सुलभ प्रयोग हेतु UP COP Mobile APP शुरू किया गया है। दो लाख से अधिक व्यक्तियों द्वारा इस एप का लाभ उठाया जा रहा है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों द्वारा विभिन्न चुनौतीपूर्ण कार्यों को सकुशल सम्पन्न करते हुए, विशिष्ट एवं अतिविशिष्ट महानुभावों के प्रदेश में भ्रमण के दौरान अचूक सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी गयी हैउन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी प्रदेश पुलिस के सभी सदस्य पूरी ईमानदारी, कर्तव्य परायणता तथा जनसेवा की भावना से कार्य करते हुए, उत्तर प्रदेश की जनता के मन में सुरक्षा की भावना को और अधिक सुदृढ़ करने में सहयोग करेंगेकार्यक्रम स्थल पहुंचने के उपरान्त मुख्यमंत्री जी को शोक पुस्तिका सौंपी गईं।


उन्होंने पुलिस स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किया और शहीदों के परिजनों से भेंट भी कीभेंट भी कीकार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा सहित अन्य मंत्रिगण, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक ओ0पी0 सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे|


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