जिसने खाया उसने सराहा....

संजय मौर्य


उत्तरप्रदेश। कानपुर” स्वाद के लिये जाना जाता है...और आज आपकी मुलाक़ात कराते हैं उस बताशेवाले से...जिसके ठेले पर जब तक आप अपनी बारी का इंतज़ार करते हैं..तब तक बताशे के जितना पानी तो आपके मुँह में ऐसे ही आ जाता है | जी हाँ...ये है हमारे “गुप्ता पानी के बताशेवाले”...जो अपना ठेला गुमटी नं ५ में “न्यूबसंत टाकीज” के नीचे लगाते है...लगभग २४ वर्षों पूर्व “शिव शंकर गुप्ता” कलकत्ते से जब कानपुर आये तब इन्होंने १ रूपये के चार बताशों से अपना सफ़र शुरू किया जो अब १० रूपये के चार तक पहुँच चुका है...और अब तो उनसे ज़्यादा गति से उनका बेटा “अजय गुप्ता” (एक बार में लगभग १० लोगों को) इन चटपटे पानी के बताशों को खिलाता है | सफ़ेद नमक, काला नमक और हींग से बनाया चटपटा पानी और जनता की बेहद डिमांड पर चटनी वाले बताशे इनकी विशेषता है ,और हाँ इनके बताशों का आकार तो शायद कानपुर में सबसे बड़ा है , तो फिर देर किस बात की...जिस दिन आपको चटोरपंती सवार हो...बस उसी दिन पहुँच जाइये यहाँ...और खाइये मन भर कर पानी के बताशे अपने परिवार और मित्रों के साथ | बस एक नंबर इनका कट जाता है |आस-पास की कमजोर सफाई व्यवस्था के कारण,उसके लिये हमें लगता है कि इनको ही कुछ करना पड़ेगा | 


 


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