मजदूरों को न्याय नहीं मिला तो संगठन आर-पार की लड़ाई का ऐलान -सुहेल आबिद
मामला बिजली मजदूर संगठन का
विशेष संवाददाता
लखनऊ | उ0प्र0 बिजली मजदूर संगठन के तत्वाधान में, मध्यांचल प्रबन्धन के तानाषाही पूर्ण रवैये के विरोध में, पूर्व घोशित कार्यक्रम के अर्न्तगत वरिश्ठ उपाध्यक्ष के0के0 सिंह की अघ्यक्षता में मघ्यांचल मुख्यालय, गोखले मार्ग, लखनऊ पर धरना-प्रदर्षन हुआ। जिसमें लखनऊ इकाई के दीप प्रकाष सिंह, नितिन षुक्ला, अमिताभ सिन्हा, गुफरान मसूद, सागर षर्मा, वैभव अस्थाना, संजीव पासवान, मनोज कुमार, असीम श्रीवास्तव, हिमान्षु बैनर्जी, महेष कुमार, मु0 आसिफ, कुलेन्द्र सिंह चौहान, आर0एस0 गौतम, प्रदीप वर्मा, मुख्तार हुसैन, राजेष कनौजिया, प्रदीप यादव, पंकज षर्मा, संजय यादव, हरि ओम, नदीम, आर0एस0 पाण्डे, एम0लाल, वीरेन्द्र, बाराबंकी इकाई के विनोद गिरी, रईस अहमद, सौमित्र भट्टाचार्या व रायबरेली इकाई के स्वनिल गुप्ता, मनोज मिश्रा, विजय षुक्ला आदि नेता षामिल रहे।
महामंत्री सुहेल आबिद ने धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रबन्धन किस तरह फील्ड के कर्मचारियों के दोयम दर्जे का नागरिक समझता है। सेक्टर-14 उपकेन्द्र, इन्दिरा नगर, लखनऊ में तीन कर्मचारियों कैलाष, मेराज व संविदा कर्मी रवि के साथ उपभोक्ता द्वारा बंधक बना कर मारपीट की गयी व कथित पैसा चोरी का इल्जाम लगाकर पुलिस के हवाले कर दिया गया तथा पुलिस के द्वारा 07 घण्टे तक थाने में तीनों कर्मचारीयों को बैठाये रखा गया था।
प्रान्तीय महामंत्री सुहेल आबिद ने आगे बताया कि पूरे धटना क्रम में अधिषाशी अभियंता अनूप कुमार की भूमिका काफी संदिग्ध रही तथा उनके प्रेस को दिए गये नकारात्मक बयान से कर्मचारियों ने काम बन्द कर धरना प्रदर्षन षुरू कर दिया था। सांय धरना स्थल पर अधिषासी अभियन्ता ने कर्मचारियों से फिर से पैसा वापस करने की बात की जिस पर संविदाकर्मी सहित उक्त अल्पभोगी कार्मिक रोने लगे। बाद में अधिषासी अभियन्ता द्वारा धाना अध्यक्ष, गाजीपुर को पत्र लिखने पर कार्मिक षान्त हुए। परन्तु अगले दिन ही अधिषासी अभियन्ता द्वारा कार्मिको पर अभद्रता व गाली गलौच का मनगढत व झूटे इल्जाम लगाकर मध्यांचल प्रबन्धक को गुमराह किया व घटना के लगभग एक माह बाद संगठन के पदधिकारियों का लखनऊ से बाहर स्थानान्तरण करा दिया गया। जबकि संगठन के पास उक्त घटना का पूरा वीडियो है, जिसमें उक्त कार्मिकों द्वारा किसी भी प्रकार की अभद्रता व गाली-गलौच नहीं की गयी। उसके बाद भी सिर्फ अधिषासी अभियन्ता के पत्र पर बिना किसी जांच के एकतरफा कार्यवाही करना सरासर नाइंसाफी है।
प्रबन्धन ने यह भी जानने की कोषिष नहीं की कि उनके कर्मचारियों को क्यों मारा पीटा गया तथा क्यों झूठा आरोप लगाया गया जबकि इस पूरे प्रकरण ही प्रथम दृश्टया संदिग्ध लगता है व इसमें अधिषासी अभियन्ता की भूमिका भी काफी संदिग्ध लगती है। यह वही अधिषासी अभियन्ता महोदय हैं जिनकी उक्त धटना के एक दिन पूर्व ही अपने जे0ई0 से गाली-गलौच व मार-पीट हुयी थी जिसकी एफ0आई0आर कराने अधिषासी अभियन्ता महोदय चार धण्टे गाजीपुर थाने में बैठे रहे परन्तु जेई संगठन के दबाव के चलते जब इनका झूठ नहीं चला तो इन्होंने निरीह कर्मचारियों के ही अपना षिकार बना लिया।वरिश्ठ उपाध्यक्ष कुलेन्द्र सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेष में जबरन स्थानान्तरण का चाबुक केवल मध्यांचल विद्युत वितरण निगम, लखनऊ में हीं चलाया गया है जिससे पूरे मध्यांचल के विद्युतकर्मी बहुत आहत हैं व उनमें भय व दहषत का माहैल है।
स्थानान्तरण में भी गम्भीर बीमारी यथा हदय रोग, किडनी रोग, लीवर रोग जैसी गम्भीर बीमारी से गृसित कर्मचारियों व दिव्यांगजनों को भी दूरस्थ स्थानान्तरित कर दिया गया है। जिससे स्थानान्तरित कार्मिक व उनका परिवार अत्यन्त षारीरिक, मानसिक व आर्थिक पीड़ा से गुजर रहा है।
युवा इकाई के महामंत्री अमिताभ सिन्हा ने बताया कि मण्डल स्तर की वरिश्ठता वाले लिपिकीय कर्मचारियों का स्थानान्तरण बिना किसी नियम के आधार पर जोन से बाहर कर दिया गया है जो कि लिपिकीय नियमावली 1970 के विरूध है। यहां तक कि पूरे प्रदेष में जबरन स्थानान्तरण का चाबुक केवल मध्यांचल विद्युत वितरण निगम, लखनऊ में हीं चलाया गया है जिसके विरोध में उ0प्र0 बिजली मजदूर संगठन ने प्रबन्धन के एकतरफा व बिना जांच किए गऐ स्थानान्तरण के विरोध में ध्यानाकर्शण धरना व प्रदर्षन मध्यांचल विद्युत वितरण निगम, गोखले मार्ग, लखनऊ पे किया गया। संगठन के प्रान्तीय महामंत्री सुहेल आबिद ने कहा कि यदि अब भी मजदूरों के न्याय नहीं मिला तो संगठन आर-पार की लड़ाई का ऐलान करेगा।