अमर रहे गणतंत्र हमारा
शुकदेव पांडे 'प्रबल'...
सब देशों से प्यारा अपना राष्ट्र-तिरंगा न्यारा है|
अमर रहे गणतंत्र हमारा,जिस पर सब कुछ वारा है||
हरा रंग है,हरी हमारी धरती-
की सुषमा है प्यारी|
केसरिया रंग यही बताता
गौरव-गाथा रही हमारी|
सैनिक इसका समर-भूमि में नहीं किसी से हारा है|
अमर रहे गणतंत्र हमारा जिस पर सब कुछ वारा है||
जन-गण-मन अधिनायक का यह
लोकतंत्र खुद परिपाटी है,
हम लोगों को पुनः बुलाती
कश्मीर की निज घाटी है|
सत्य-अहिंसा-पथ पर चलने का संकल्प हमारा है|
अमर रहे गणतंत्र हमारा,जिस पर सब कुछ वारा है||
अमर शहीदों की कुर्बानी को-
तुम साथी भूल न जाना|
गौतम-गांधी की धरती पर,
गीत प्रेम के मिलकर गाना|
इस धरती की प्यास बुझाती,गंगा-जमुना-धारा है|
अमर रहे गणतंत्र हमारा,जिस पर सब कुछ वारा है||