तू बस प्यार कर

सुरेंद्र सैनी


तू बस प्यार कर..


मन की उलझन को पार कर 


कुछ पल सही जरा सा प्यार कर 


 


माना टूट गया ख्वाबों का पुलिंदा 


कम से कम तू मत वार कर 


 


तुम्हें देखकर खनक उठता हूं मैं 


कभी तो कहीं आंखें चार कर 


 


तुम जो बैठे हो दिल में मेरे 


मुझसे मत अजनबी सा व्यवहार कर 


 


मेरे सभी नज्में तेरे लिए "उड़ता"


भूल कर दुनिया तू बस प्यार कर 


 


 


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