इंतजार है बारिश तेरा.. आज भी
उमस से मौसम सरोबार है..
सूरज की तन से हुए रार है|
पसीना छलक आए ऐसी रंजीश में..
ए बारिश तेरा इंतजार है|
जाने मानसून कहां द्वार है..
हवाओं का रुख भी तड़ीपार है|
तोआती तो दिल-ए-आरजू खिल जाती..
ए बारिश तेरा इंतजार है |
सूखा जलाशय का आकार है ..
यह ग्लोबल वार्मिंग का प्रकार है|
कर उठे त्राहि सब जीव जन्तु..
ए बारिश तेरा इंतजार है |
ये ऊष्म विधाता का व्यापार है..
मानव से कुदरतन हुआ अत्याचार है|
सास की डोरी का कसाव है..
ए बारिश तेरा इंतजार है|
देरी से वर्षा हर बार है..
जैसे इस पर नाराजगी सवार है |
ये रूह भी प्यासी हो चली "उड़ता"..
अब तो बारिश तेरा इंतजार है||