बच्चों में चारित्रिक गुणों को विकसित करने की सर्वश्रेष्ठ अवस्था बचपन -संयुक्त भाटिया
लखनऊ। ‘‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’’ का भव्य आयोजन में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में पधारी लखनऊ की महापौर संयुक्त भाटिया ने दीप प्रज्जवलित कर समारोह का विधिवत उद्घाटन किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्रीमती भाटिया ने कहा कि बच्चों में चारित्रिक गुणों को विकसित करने की सर्वश्रेष्ठ अवस्था बचपन ही है, अतः बचपन में ही चारित्रिक उत्कृष्टता, जीवन मूल्यों एवं संस्कारों की सुदृढ़ नींव रखी जानी चाहिए।
उन्होंने ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ के माध्यम से परिवार, स्कूल तथा समाज के सहयोग से बच्चों में ईमानदारी, चारित्रिक, नैतिक तथा आध्यात्मिक गुणों को विकसित करने की दिशा में किए जा रहे प्रभावशाली प्रयासों के लिए प्रशंसा की। इससे पहले, इस शानदार समारोह में जहाँ एक ओर विद्यालय के छात्रों ने रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की इन्द्रधनुषी छटा बिखेरकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया तो वहीं दूसरी ओर ईमानदारी, चरित्र निर्माण एवं आध्यात्मिकता का अनूठा संदेश दिया। भारी संख्या में उपस्थित अभिभावकों ने तालियाँ बजाकर छात्रों की अनूठी प्रस्तुतियों को सराहा।
कार्यक्रम का शुभारम्भ सर्वधर्म एवं विश्व शान्ति प्रार्थना से हुआ तथा वर्ल्ड पार्लियामेन्ट के माध्यम से छात्रों ने विश्व की जटिल समस्याओं के शान्तिपूर्ण समाधान सुझाये। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं एवं वार्षिक परीक्षाओं में पुरस्कार अर्जित करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण एवं रजत पदक प्रदान किये गये। समारोह में बोलते हुए सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा एक सतत् और रचनात्मक प्रक्रिया है।
समाज की समृद्वि एवं प्रगति हेतु बच्चों को भौतिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान कर उनके व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास ही शिक्षा का मुख्य लक्ष्य है। बालक को आगे चलकर क्या बनेगा, किस रूप में समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होगा, यह इस बात पर निर्भर है कि बाल्यावस्था में उसके प्रकार की शिक्षा प्रदान की गई है। सी.एम.एस. आनन्द नगर कैम्पस की प्रधानाचार्या रीना सोती ने कहा कि ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ बच्चों में निहित क्षमताओं को विकसित करने एवं आध्यात्मिक, सामाजिक तथा भौतिक ज्ञान से परिपूर्ण ‘टोटल क्वालिटी पर्सन’ बनाने में अत्यंत उपयोगी हैं।