बिजली विभाग में नियुक्ति की शाशन से उच्चस्तरीय जांच कराई जाए -सुहेल आबिद

 



बिजली विभाग में नियुक्ति भी मानकों के विपरीत दूरस्थ शिक्षा से डिप्लोमाधारी प्राप्त अभ्यर्थी (जिसकी विभाग में मान्यता ही नहीं है) को भी अवर अभियंता के पद पर प्रोन्नति दे दी गई... 

विशेष संवाददाता



लखनऊ | उत्तर प्रदेश बिजली मजदूर संगठन की एक बैठक महामंत्री सुहेल आबिद की अध्यक्षता में शक्ति भवन, कैंटीन में संपन्न हुई | इस अवसर पर संगठन के वरिष्ठ नेतागण- अमिताभ सिन्हा, गुफरान मसूद, दीप सिंह, सुमित श्रीवास्तव, जुगल मिश्रा, मोहित निगम, धीरज कश्यप, आर एस गौतम, सागर शर्मा आदि नेताओं ने कर्मचारी समस्याओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। महामंत्री सुहेल आबिद ने बताया कि प्रबंधन ने बड़े पैमाने पर tg2 व कार्यालय सहायकों की भर्ती की है परंतु तैनाती अत्यधिक दूर कर दी गई है चूंकि यह कार्मिक नॉन-कॉमन कैडर हैं इसलिए यह सभी अपने गृह जनपद के नजदीक नहीं आ पाएंगे और घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर ही इनको अपनी जिंदगी बसर करनी पड़ेगी।




महामंत्री अमिताभ सिन्हा ने बताया कि तैनाती में विकलांग व महिलाएं का भी ध्यान नहीं रखा गया है। इससे पहले जो भी तैनाती होती थी उसमें कार्मिकों को संबंधित डिस्कॉम ही आवंटित हो जाता था, जिसे अबकी बार प्रबंधन द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया है। प्रबंधन के इस रवैय्ये से विकलांग व महिला कर्मचारी अत्यधिक परेशान हैं। उ0प्र0 बिजली मज़दूर संगठन, प्रबंधन से महिला और विकलांग कार्मिकों को गृह जनपद का डिस्काम दिए जाने की मांग की है।

महामंत्री सोहेल आबिद ने आगे बताया कि विभागीय प्रोन्नति के माध्यम से लगभग 1098 को अवर अभियंता बनाया गया है। आदर्श आचार संहीता की जल्दबाजी में प्रबंधन ने इस नियुक्ति में भी मानकों के विपरीत दूरस्थ शिक्षा से डिप्लोमाधारी प्राप्त अभ्यर्थी (जिसकी विभाग में मान्यता ही नहीं है) को भी अवर अभियंता के पद पर प्रोन्नति दे दी गई है साथ ही 121+16 कार्मिकों का रिजल्ट रोका गया है दर्जनों कनिष्ठ tg2 को अवर अभियंता बना दिया गया है जबकि वरिष्ठ उसमें छूट गए हैं।

इन नियुक्तियों में बिना विभागीय अनुमति लिए आईटीआई व डिप्लोमा का प्रपत्र लगाकर फ़र्ज़ी प्रोन्नति भी प्राप्त कर ली गई है जिससे सैकड़ों कार्मिकों का भविष्य अंधकार में डूब गया है। एक अजीब तमाशा इस विभाग में तत्कालीन प्रबंधन द्वारा किया जा रहा है जिसे पढ़-सुन कर लोगों के होश उड़ जाएंगे, उक्त नियुक्ति में तत्कालीन प्रबंधन ने ऐसे कार्मिकों को प्रोन्नत कर दिया जो आज विभाग में ही नही है अर्थात सेवानिवृत्त हो चुके है और तो और ऐसे कार्मिको को भी प्रोन्नत कर दिया गया जो विभाग क्या दुनिया मे ही नही हैं अर्थात मृत हो चुकें है..। 

इन सारे फर्जीवाड़ों के देखते हुए संगठन की प्रबंधन से मांग है कि सभी अभ्यर्थियों के साथ न्याय करके रुकी हुई प्रोन्नति लिस्ट तत्काल जारी करें व अवैद्य आईटीआई व दूरस्थ डिप्लोमा से प्राप्त कार्मिको के प्रपत्रों की शाशन से उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।


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