विपश्यना को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मान्यता मिली है : राष्ट्रपति


 


राष्ट्रपति ने जनपद कानपुर में धम्म कल्याण विपश्यना केन्द्र के पुरुष निवास भवन का लोकार्पण किया...


कानपुर। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने  जनपद कानपुर में धम्म कल्याण विपश्यना केन्द्र के पुरुष निवास भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि विपश्यना के मौलिक अधिकार को आर्य मौन कहा जाता है।


इस देश की परम्परा में कई ध्यान पद्धतियां हैं। उनमें से यह ध्यान पद्धति वर्षों पुरानी है, इसका प्रादुर्भाव भगवान बुद्ध के समय में हुआ, उन्होंने स्वयं इसे 'ट्रस्टेड एवं ट्राइड कहा। यह लगभग 2500-2600 वर्ष पहले की विधि है, जो आज भी चल रही है।


इस ध्यान पद्धति को अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप देने में विपश्यनाचार्य सत्य नारायण गोयनका जी का बहुत बड़ा योगदान...


राष्ट्रपति ने कहा कि इस ध्यान पद्धति के प्रमुख प्रणेता विपश्यनाचार्य सत्य नारायण गोयनका जी हैं। इस पद्धति में आकर्षण है। यह पद्धति बहुत अच्छी है। उन्होंने बताया कि वे इस पद्धति से लगभग 18 वर्ष पूर्व जुड़े हैं।


सम्पूर्ण विश्व के कल्याण हेतु ध्यान पद्धति का लाभ प्राप्त करना उपयोगी...


इस ध्यान पद्धति को अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप देने में गोयनका जी का बहुत बड़ा योगदान है। राष्ट्रपति  ने कहा कि इस ध्यान पद्धति की विशेषता यह है कि इसे संयुक्त राष्ट्र संघ द्व द्वारा मान्यता प्रदान की गई है, जिस प्रकार योग की पद्धति को परे विश्व मानचित्र पर लाया गया है। उन्होंने कहा कि यांगून में विश्व प्रसिद्ध सेडा ज्ञान पगोडा है। इस पद्धति का प्रतीकात्मक एवं भव्य स्वरूप सेडा ज्ञान पगोडा में देखने को मिलता है।


विपश्यना ध्यान साधना केन्द्र को विश्व स्तर का बनाए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति जी ने कहा कि गंगा  के समीप रमणीक वातावरण एवं उपयुक्त रथल पर यह ध्यान केन्द्र है। उन्होंने कहा कि अनुभव इस ध्यान पद्धति की विशेषता है। आप इस केन्द्र में अनुभव एवं अभ्यास करके इसका लाभ ले सकते हैं।


सम्पूर्ण विश्व के कल्याण हेतु इसका लाभ प्राप्त करना उपयोगी होगा। इस अवसर पर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, धम्म कल्याण विपश्यना केन्द्र के चीफ ट्रस्टी अशोक साहू एवं अनूप साहू सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।





 

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