स्थानीय स्तर से राख से ईंट भी बनाये जायं -जिलाधिकारी
सोनभद्र। “माननीय राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण नई दिल्ली के निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाय, जो औद्योगिक इकाईयां "माननीय राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण नई दिल्ली के निर्देशों का समयबद्ध अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। औद्योगिक इकाईयां अपने सामाजिक नैगमिक दायित्व के मद का इस्तेमाल जन स्वास्थ्य, पेयजल के साथ ही स्थानीय मूलभूत सुविधाओं पर करें। औद्योगिक इकाईयों से निकलने वाले ऐश/राख को पूरी तरीके से निःशुल्क जरूरत मंदों को उपलब्ध कराया जाय और स्थानीय स्तर से राख से ईंट भी बनाये जायं।
कशरों के जॉच के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार करके समिति द्वारा जॉच पूरी की जाय। कलेक्ट्रेट में " माननीय राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण नई दिल्ली के आदेशानुसार जिले के औद्योगिक इकाईयों के अनुपालन की समीक्षा करते हुए दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि मा0 एनजीटी के निर्देशानुसार क्षेत्र में जरूरत के मुताबिक स्थानीय संसाधन उपलब्ध कराया जाय।
जो औद्योगिक इकाईयां मानक के अनुरूप पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ प्रभावी कार्यवाही नियमानुसार की जायेगी
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में स्थापित औद्योगिक इकाईयां मानक के अनुरूप अपने औद्योगिक इकाईयों का संचालन करें, जो औद्योगिक इकाईयां मानक के अनुरूप पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ प्रभावी कार्यवाही नियमानुसार की जायेगी।
श्री अग्रवाल ने समीक्षा के दौरान पाया कि जिले में स्थापित कशरों की जॉच की जानी है। उन्होंने कहाकि जॉच के दौरान सभी प्रपत्र प्राप्त करने यानी कशर स्वामियों/संचालकों को पूरा-पूरा मौका देने के लिए जॉच सम्बन्धी प्रचार–प्रसार प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी द्वारा कराया जाय। प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी को निर्देशित किया कि वे जिले में स्थापित औद्योगिक इकाईयों से पर्यावरणीय मानको को पूरा करायें। एनजीटी के निर्देशानुसार शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य कैम्प, स्थानीय मूलभूत सुविधाओं को सामाजिक नैगमिक दायित्व/सीएसआर से पूरा कराने के साथ ही उद्योगों से निकलने वाली राख को निःशुल्क रूप से ऐश ब्रिक सहित अन्य उपयोग हेतु उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाईयों से निकलने वाले अपशिष्ट/ऐश/राख आदि का नियमानुसार निस्तारण सुनिश्चित भी करायें।