सेवा व समर्पण किसी सम्मान के लिए नहीं होते : प्रधानमंत्री
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज वृन्दावन, मथुरा में अक्षय पात्र फाउण्डेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अक्षय पात्र मिड डे मील का 300 करोड़वां भोजन परोसा और इससे सम्बन्धित पटिट्का का अनावरण किया। इस अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक जी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अक्षय पात्र फाउण्डेशन द्वारा अतिथियों एवं गणमान्य व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम सब लोग इस पवित्र कार्य के अवसर पर यहां उपरिथत हुए हैं। जो दान निःस्वार्थ भावना से उचित समय पर योग्य व्यक्ति को दिया जाता है वह सात्विक दान कहलाता है। विगत 18 वर्षों से अक्षय पात्र यह सात्विक दान कर रहा है।
आज 300 करोड़वीं थाली उन्हें परोसने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इस पवित्र कार्य में लगे अक्षय पात्र संस्था के प्रतिनिधियों का अभिनन्दन करते हुए उन्होंने कहा कि अक्षय पात्र ने 1500 स्कूली बच्चों को पोषक आहार देने की शुरुआत की थी, यह प्रयास अब 17 लाख स्कूली बच्चों को पोषक आहार उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कार्य व सेवा असाधारण है, तथा इसके प्रति समर्पण अतुलनीय है।
अक्षय पात्र के प्रयासों से सेवा भाव को नई पहचान मिली
यह हमारे उन संस्कारों का विस्तार है जो हजारों वर्ष की भारतीय परम्परा द्वारा हमें सौंपे गये हैं। सेवा व समर्पण किसी सम्मान के लिए नहीं होते हैं। अक्षय पात्र के प्रयासों से सेवा भाव को एक नई पहचान मिली है। अक्षय पात्र फाउण्डेशन को गांधी पीस प्राइज दिया गया है। इसके साथ ही स्वामी मधु पण्डित दास को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके लिए उन्होंने सभी को बधाई दी।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि मिड डे मील की परम्परा आजादी के पहले से ही भारत में रही है। इसका कारण स्थितियां और परिस्थितियां रहीं। गुलामी के कारण संसाधनों का अभाव व गरीबी का सबसे नकारात्मक प्रभाव बच्चों पर पड़ा। उन्होंने कहा कि अक्षय पात्र संस्था के सभी व्यक्ति, खाना बनाने वाले से लेकर खाना पहुंचाने वाले तक देश की मदद कर रहे हैं। जिस प्रकार मजबूत इमारत के लिए नींव का ठोस होना जरूरी है, उसी प्रकार शक्तिशाली नए भारत के लिए पोषित व स्वस्थ बच्चों का होना जरूरी है। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि जन्म के पहले व जन्म के फौरन बाद बच्चों के खाने-पीने पर ध्यान दिया जाय और बीमारियों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाया जाय तो भविष्य में स्वास्थ्य को लेकर कम परेशानियां होंगी। गीता में कहा गया है, जिसका आहार-विहार व चाल संतुलित हो, जो नियम से सोता व जागता हो, ध्यान का रास्ता उसके सभी दुखों को समाप्त कर देता है। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा माता व बच्चों के पोषण व स्वास्थ्य पर बल दिया गया है। बचपन के इर्द-गिर्द एक मजबूत सुरक्षा घेरा बनाने का प्रयास किया गया है। सुरक्षा के इस घेरे के 03 पहलू हैं-खान-पान, टीकाकरण व स्वच्छता। अक्षय पात्र से जुड़े सभी साथी सुरक्षा घेरे को मजबूत बनाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य का सीधा संबंध पोषण व खाने-पीने से है, यदि पोषण का अभियान माताओं व बच्चों तक पहुंचाया जाय तो अनेक जीवन बच सकते हैं।
शक्तिशाली नए भारत के लिए पोषित व स्वस्थ बच्चों का होना जरूरी...
प्रधानमंत्री जी ने बताया कि केन्द्र सरकार ने राजस्थान के झुंझुनू से देश भर में राष्ट्रीय पोषण मिशन की शुरुआत की थी। मिशन इन्द्रधनुष के तहत देश में हर बच्चे तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया गया, अब तक इस मिशन के तहत 03 करोड़ 40 लाख बच्चों तथा 90 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करवाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जिस गति से टीकाकरण कार्य किया जा रहा है, जल्द ही संपूर्ण टीकाकरण लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जायेगा।
प्रदेश के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एक करोड़ 77 लाख बच्चों कोराज्य सरकार केन्द्र के सहयोग से मध्यान्ह भोजन उपलब्ध करा रही...
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि टीकाकरण में 05 नये टीके जोड़े गये हैं। इसमें से एक इंसेफेलाइटिस अर्थात जापानी बुखार के टीके सहित अब कुल 12 टीके बच्चों को लगाये जाते हैं। मिशन इन्द्रधनुष को दुनिया भर में सराहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा कवच का एक महत्वपूर्ण पहलू है सुरक्षा। गन्दगी विशेष तौर पर बच्चों के लिए घातक सिद्ध होती है। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों के जीवन को डायरिया से सबसे अधिक खतरा होता है। स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से इस खतरे को दूर करने का बीड़ा हमने उठाया है। एक अन्र्तराष्ट्रीय रिपोर्ट आयी है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय के उपयोग से करीब तीन लाख लोगों का जीवन बचाया गया है। यह स्वच्छता की ताकत है, जो गरीब को बिना किसी खर्च के जीवनदान दे रही है।
प्रयागराज कुम्भ ने देश को स्वच्छता का संदेश देने में सफलता प्राप्त की.
सदियों से कुम्भ मेले की यह विशेषता रही है कि एक सामाजिक संदेश दिया जाता रहा है। इस बार प्रयागराज कुम्भ स्वच्छता के लिए जाना जायेगा, जिसने देश को स्वच्छता का संदेश देने में सफलता प्राप्त की है। पहली बार न्यूयार्क टाइम्स ने कुम्भ के मेले की स्वच्छता को लेकर रिपोर्ट किया है। केन्द्र सरकार द्वारा हर गरीब मां-बहन के घर में उज्ज्वला योजना के तहत निःशुल्क गैस कनेक्शन दिया जा रहा है, लगभग सवा 06 करोड़ गैस कनेक्शन अब तक देश में दिये गये हैं। उत्तर प्रदेश में ही एक करोड़ निःशुल्क गैस कनेक्शन दिए गए हैं, जिससे मां-बहनों को धुएं से मुक्ति मिली है। इस पवित्र व पुण्य कार्य के लिए उन्होंने अक्षय पात्र फाउण्डेशन को साधुवाद दिया।
संस्कारों का विस्तार है -अक्षय पात्र मिड डे मील...
देश के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एक करोड़ 77 लाख बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। इन बच्चों को केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार द्वारा मिड डे मील के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक जनपद मथुरा व लखनऊ में अक्षय पात्र द्वारा गुणवत्तापूर्ण व स्वादिष्ट भोजन स्कूली बच्चों को उपलब्ध कराया जा रहा है। संस्था द्वारा यह अत्यन्त सराहनीय कार्य किया जा रहा है, जिसे आगे बढ़ाते हुए आपसी सहमति से दस नये जनपदों को इसमें शामिल किया गया है। 06 जनपदों में रसोईघर बनाने के लिए धनराशि आवंटित कर दी गई है। अक्षय पात्र द्वारा कुम्भ में हजारों लोगों को स्वच्छ व स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराने में भी अहम भूमिका अदा की है।