मैनपुरी में सामूहिक विवाह का महाकुम्भ

मैनपुरी। सदस्य विधान सभा रामनरेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी के बंधन में बंधे 251 जोड़ों के मंगलमय जीवन की कामना की। सामूहिक विवाह का महाकुम्भ आयोजित कर प्रदेश में एक ही दिन में 10 हजार जोडों का सामूहिक विवाह सम्पन्न कराया जा रहा है जो अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धी है।



इस योजना के माध्यम से सभी गरीब बेटियों के हाथ पीले हो सकें इसके लिये प्रदेश सरकार ने सामूहिक विवाह योजना की धनराशि 35 हजार से बढ़ाकर 51 हजार कर दी है। उन्होंने कहा कि गरीब अपनी बेटी की शादी करने के लिए 10 बार सोचता था, प्रदेश सरकार ने गरीब, निर्धन, मजदूर परिवार की बेटियों को नायब तोहफा दिया है।


श्री अग्निहोत्री ने कहा कि समाज में आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रहे निर्धन परिवारों की बेटियों की शादी में किसी प्रकार की कठिनाई न हो इसलिए देश ही नहीं बल्कि विश्व की अनूठी सामूहिक विवाह योजना लागू की। जिसके तहत बिना किसी भेदभाव, जातिवाद के एक ही मंडप में हिन्दू मुस्लिम रीति रिवाज से शादी कराकर अनूठी मिसाल पेश की। उन्होंने कहा कि इस योजना के लागू होने के बाद लोगों में जागरूकता बढी है सरकारी लाभ के साथ-साथ सामूहिक विवाह योजना में दान दाताओं द्वारा भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया जा रहा है। नव दम्पत्ति को उपहार भेंट दिये जा रहे है।


जिलाधिकारी प्रदीप कुमार ने कहा कि जो पात्र व्यक्ति विवाह हेतु वंचित रह गये हैं वह नगर पंचायतों, ब्लाकों में अपना नाम दर्ज करा दें जिससे उनका भी विवाह आगामी कार्यक्रम में कराया जा सके। जिला प्रशासन द्वारा शासन से उन्हें प्रदान की जाने वाली सुविधाओं, उनके स्वागत एवं सम्मान में कोई कमी नहीं रहेगी। उन्होंने नव दंपत्तियों को शुभकामना देते हुए कहा कि जिला प्रशासन आपके सहयोग के लिए रहेगा, आप मिल-जुलकर खुशी से अपना जीवन यापन करें।


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा, जनप्रतिनिधियों के सहयोग से यह कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें एक ही मंडप में 251 जोड़ों की शादी हुयी, जहां एक और वैदिक रीति-रिवाज से 245 हिन्दू जोडों की शादी संपन्न हुई, अग्नि को साक्षी मानकर एक दूसरे की रक्षा का वचन लिया, वहीं मुस्लिम परंपरा के अनुसार 06 जोडों की निकाह कीरस्म अदा कराकर शादी करायी। जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ. इंदिरा सिंह ने कहा कि गरीब कन्या की शादी पर अब 51 हजार रू. सरकार द्वारा खर्च किए जा रहे हैं। जिसमें से 35 हजार रू. लड़की के बैंक खाते में जमा किया जा रहा है, 10 हजार रू. से वैवाहिक सामग्री तथा प्रति जोडे विवाह आयोजन हेतु 06 हजार रू. की व्यवस्था की गयी है उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह से समाज में सर्वर्धम समभाव, सामाजिक समरसता को बढावा, सभी समुदाय एवं धर्मो के रीति रिवाज के अनुसार विवाह की व्यवस्था, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता के पुर्नविवाह की व्यवस्था, दहेज से कलंक से मुक्ति, विवाह उत्सव में अनावश्यक अपव्यय एवं पर्दशन पर रोक लगी है। उन्होंने कहा कि 02 लाख की आय सीमा के अन्तर्गत आने वाले सभी परिवार पात्र होंगे। 



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