चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ का मधुर व्यवहार दवा का काम करता है -मुख्यमंत्री
टेली मेडिसिन तथा अन्य तकनीक का उपयोग कर मरीजों की काफी मदद की जा सकती है...
लखनऊ। गरीब जनता को अच्छी एवं आधुनिक जीवन रक्षक एम्बुलेंस सेवा के विस्तार के तहत 100 एम्बुलेंस को फ्लैग ऑफ किया। इस सेवा के तहत पूर्व में 150 एम्बुलेंस संचालित हैं। इस प्रकार, आधुनिक जीवन रक्षक एम्बुलेंस सेवा के तहत अब पूरे प्रदेश में 250 एम्बुलेंस उपलब्ध हो गयी हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय सचल चिकित्सा इकाई का भी शुभारम्भ किया। इसके तहत 53 जनपदों में 170 मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित की जाएंगी। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को उत्कृष्ट बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि विगत 22 महीने के अन्दर प्रदेश की चिकित्सा सेवाओं में बहुत सुधार हुआ है और चिकित्सा के लिए नई-नई सुविधाएं मरीजों को मुहैया करायी जा रही हैं उन्होंने कहा कि राज्य सरकार '108' और '102' के तहत वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्धसंचालित एम्बुलेंस सेवाओं के रिस्पॉन्स टाइम को कम करने की दिशा में कार्य कर रही है। लोगों को अच्छी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के राज्य सरकार के प्रयास को तभी सफल बनाया जा सकता है, जब सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक एवं सम्बन्धित स्टाफ मरीजों की पूरी मदद करे। उन्होंने मरीजों एवं उनके तीमारदारों से सहृदयता से व्यवहार करने की सलाह देते हुए कहा कि इससे मरीज को काफी मदद मिलती है।
आज चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ का मधुर व्यवहार दवा का काम करता है। उन्होंने कहा कि मरीज व उनके परिजनों से अच्छा व्यवहार चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टाफ की छवि तो निखारेगा ही, साथ ही सरकारी चिकित्सा सेवाओं में उनके भरोसे को भी बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में आ रहे तकनीकी बदलावों पर भी काम करने की आवश्यकता है। इनके उपयोग से लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि टेली मेडिसिन तथा अन्य तकनीक का उपयोग कर मरीजों की काफी मदद की जा सकती है
प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में काफी वृद्धि हुई है। 13 नये राजकीय मेडिकल कॉलेज और 2 नये एम्स पर कार्य चल रहा है। इनके शुरू होने से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को और विस्तार मिलेगा। इसके अलावा, नयी मेडिकल यूनीवर्सिटी और आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना पर भी कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की गरीब जनता को अच्छी एवं प्रभावी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। आधुनिक जीवन रक्षक प्रणाली युक्त एम्बुलेंस सेवा से जहां मरीज को तेजी से अस्पताल पहुंचाने में मदद मिलती है, वहीं आज से प्रारम्भ हो रही राष्ट्रीय सचल चिकित्सा इकाई के तहत गरीबों को चिकित्सा सेवाएं उनके द्वार पर उपलब्ध हो सकेंगी।
प्रयागराज कुम्भ का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुम्भ में चिकित्सा विभाग ने अच्छा काम किया है। वहां पर नेत्र रोगियों को चिकित्सा प्रदान करने के उद्देश्य से नेत्र कुम्भ का आयोजन किया गया है। साथ ही, मरीजों को मुफ्त में इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है और चश्मा भी दिया जा रहा है। कुम्भ में स्थापित किये गये चिकित्सालय का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्कृष्टता के मामले में यह चिकित्सालय किसी कारपोरेट चिकित्सालय को भी मात कर रहा है। उन्होंने कुम्भ में मौजूद कई धर्माचार्यों को आकरिस्मक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का जिक्र करते हुए कहा कि इससे उनके जीवन की रक्षा हो सकी।
राष्ट्रीय सचल चिकित्सा इकाई पर प्रकाश डालते हुए इस सेवा के तहत संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट में एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट, एक स्टाफ नर्स एवं एक लैब टेक्नीशियन उपलब्ध होगा तथा प्रत्येक यूनिट में 143 प्रकार की औषधियां एवं सेन्ट्रीफ्यूज मशीन, सेमी ऑटोएनालाइजर, ग्लूकोमीटर, माइक्रोस्कोप एवं ऑप्थेलमोस्कोप जैसे उपकरण भी रोगियों की जांच एवं उपचार हेतु उपलब्ध रहेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रारम्भ की गयी राष्ट्रीय सचल चिकित्सा इकाई के तहत प्रथम चरण में 53 मोबाइल मेडिकल यूनिट को फ्लैग ऑफ किया गया।, जिसमें से 23 जनपदों क्रमशः प्रयागराज, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, चन्दौली, चित्रकूट, अयोध्या, गोण्डा, गोरखपुर, मथुरा, कौशाम्बी, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, महराजगंज, मिर्जापुर, सन्तकबीरनगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र एवं वाराणसी में इस सेवा का तत्काल संचालन प्रारम्भ कर दिया जाएगा।
यह मोबाइल मेडिकल यूनिट सचल चिकित्सालय की भांति कार्य करेगी तथा सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोगों को निःशुल्क चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराएगी। जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा प्रत्येक मोबाइल मेडिकल यूनिट के मासिक भ्रमण हेतु कार्यक्रम पूर्व निर्धारित किया जाएगा। इसके अलावा, प्रदेश में '108' एवं '102 एम्बुलेंस सेवा संचालित है, जिनके माध्यम से रोगियों को क्रमशः आकस्मिकताओं की स्थिति एवं गर्भवती माताओं को चिकित्सीय सन्दर्भन की सेवाएं दी जा रही हैं उल्लेखनीय है कि दोनों सेवाओं में बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस वाहनों की व्यवस्था के सापेक्ष गम्भीर रोगियों के सन्दर्भन के दृष्टिगत 13 अप्रैल, 2017 को आधुनिक जीवन रक्षक एम्बुलेंस सेवा प्रदेश के समस्त जनपदों में प्रारम्भ की गयी थी। आज इसी के तहत 100 और एम्बुलेंस उपलब्ध करायी गयी हैं। एम्बुलेंस उपलब्ध करायी गयी हैं। कार्यक्रम के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, परिवार कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ0 प्रशान्त त्रिवेदी सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, चिकित्सक तथा अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।